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पाकिस्तानी सेना का एक डॉक्टर कैसे बन गया आतंकवादी... कहानी 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की

2008 के मुंबई आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोपी पाकिस्तानी सेना के पूर्व डॉक्टर तहव्वुर राणा भारत प्रत्यारोपण सफल रहा. उसे 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था और भारत प्रत्यर्पित किए जाने से पहले उसे अमेरिका की जेल में रखा गया था.

Tahawwur Rana: आतंक का देवता तहव्वुर राणा लाख कोशिश के बाद भी खुद को नहीं बचा सका. आखिरकार उसे भारत आना ही पड़ा. 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अब भारत में कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया. उसके पास कनाडा की नागरिकता भी है. 

सूत्रों के मुताबिक, उसे तिहाड़ जेल में रखा गया है. दिल्ली में ही NIA की स्पेशल कोर्ट में उसपर मुकदमा चलाया जाएगा. तहव्वुर राणा की कहानी भी अनोखी है, कभी संपन्न परिवार में रहने वाला ये तहव्वुर राणा कैसे आतंकवादी बन गया? इसकी कहानी भी दिलचस्प है. 

कौन है तहव्वुर राणा? 

एक संपन्न परिवार में जन्मे तहव्वुर राणा इस्लामाबाद में पले-बढ़े और हसन अब्दल कैडेट कॉलेज में पढ़ाई की, जहां उनकी पहली मुलाकात दाउद गिलानी उर्फ डेविड कोलमैन हेडली से हुई और वे उसके करीबी दोस्त बन गए. हेडली और राणा दोनों ही 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी हैं, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे.

पेशे से डॉक्टर तहव्वुर राणा कॉलेज के बाद पाकिस्तानी सेना में आर्मी मेडिकल कॉर्प में शामिल हो गए थे. उन्होंने कुछ सालों तक पाकिस्तानी सेना में सेवा की और फिर 1997 में मेजर के पद से रिटायर हुए. रिटायर होने बाद राणा पाकिस्तान से कनाडा चले गए और कनाडा की नागरिकता ले ली. कनाडा से बाद में वह अमेरिका के शिकागो चले गए, जहां उसने एक इमिग्रेशन और वीज़ा एजेंसी और एक हलाल बूचड़खाना शुरू किया.

मुंबई हमले को लेकर बुना गया ताना-बाना 

भारतीय एजेंसियों के अनुसार, मुंबई में आतंकी हमलों की साजिश 2005 में शुरू हुई थी और हेडली को लश्कर-ए-तैयबा के वरिष्ठ आतंकवादी साजिद मीर और पाकिस्तानी नागरिक मेजर इकबाल ने इसमें शामिल किया था. राणा को हेडली और एक अन्य वरिष्ठ पाकिस्तानी सेना अधिकारी ने इसमें शामिल किया था.

राणा ने अपनी इमिग्रेशन एजेंसी उपलब्ध कराई और मुंबई के ताड़देव में एक शाखा खोली. यह वह कार्यालय था जिसका इस्तेमाल हेडली ने 2006 से 2008 के बीच मुंबई की यात्रा करने के लिए किया था. हेडली ने मुंबई की पांच यात्राएं कीं और उन स्थानों की तलाश की जहां हमले किए जा सकते थे.

हेडली ने जीपीएस निर्देशांक का उपयोग करके इन स्थानों का उपयोग किया, जिन्हें मीर, राणा और मेजर इकबाल जैसे संचालकों को दिया गया. फिर इन निर्देशांकों को 26/11 के आतंकवादी हमलों को अंजाम देने वाले दस लश्कर आतंकवादियों के साथ शेयर किया गया. हमलों से कुछ दिन पहले राणा ने मुंबई का दौरा भी किया और देश में कुछ अन्य स्थानों की यात्राएं भी कीं.

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