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बांग्लादेश में गहरा रहा राजनीतिक संकट! जानिए क्यों बढ़ रहा चुनावी मुद्दे पर युनूस और सेना प्रमुख के बीच तनाव

Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश में तनाव बढ़ता दिख रहा है. सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान और अंतरिम शासक मुहम्मद यूनुस के बीच मतभेद जारी है. ज़मान जहां जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं, वहीं यूनुस चुनाव में देरी कर रहे हैं. सेना में ज़मान विरोधी गुट के पीछे अपना समर्थन दे रहे हैं जो उन्हें हटाने की मांग कर रहा है.

Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश के अंतरिम शासक मुहम्मद यूनुस की हेकड़ी निकलती दिख रही है. खबर है कि यूनुस और सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान के बीच मतभेद बढ़ता जा रहा है. जहां ज़मान जल्द से जल्द चुनाव कराने पर जोर दे रहे हैं ताकि बांग्लादेश में एक निर्वाचित सरकार बन सके, वहीं यूनुस इस प्रक्रिया में देरी कर रहे हैं और ज़मान के प्रतिद्वंद्वियों का समर्थन कर रहे हैं, जो विदेशी ताकतों के साथ मित्रवत हैं. इसे सेना कहीं से भी पसंद नहीं कर रही है. 

कई सप्ताह तक चली सड़क हिंसा के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को अगस्त 2024 में अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर भागना पड़ा था, जिसके बाद बांग्लादेशी सेना और आंदोलनकारी समूहों ने चुनाव होने तक शासन चलाने के लिए यूनुस की अनिर्वाचित सरकार को समर्थन दिया. हालांकि, अब तक भी वहां एक स्थिर सरकार नहीं बन पाई है, जिससे लोकतंत्र खतरे में है. 

बिना जनादेश अहम फैसले ले रहे यूनुस

यूनुस भले ही निर्वाचित न हुए हों और उनके पास लोकतांत्रिक जनादेश न हो, लेकिन उन्होंने बांग्लादेशी राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. उन्होंने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को राष्ट्रीय चेतना से व्यवस्थित रूप से हटाने और हसीना की पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग (BAL) पर कार्रवाई करने की अध्यक्षता की है.

यूनुस और सेना प्रमुख ज़मान के बीच तनाव की वजह

यूनुस और सेना प्रमुख ज़मान के बीच झगड़े की एक वजह उनके विपरीत झुकाव भी माना जाता है. ज़मान को आमतौर पर भारत समर्थक व्यक्ति के रूप में देखा जाता है, जिसमें इस्लामवादियों के लिए बहुत कम सहानुभूति है. जबकि यूनुस और उनका प्रशासन पाकिस्तान समर्थक है, जिसका मुख्य दर्शक बांग्लादेश और विदेशों में कट्टरपंथी इस्लामवादी हैं.

सेना प्रमुख चाहते हैं जल्द से जल्द चुनाव

CNN-News 18 के अनुसार, ज़मान जल्द से जल्द चुनाव चाहते हैं. इसका कारण है कि यूनुस के शासन में देश के मामलों में विदेशी प्रभाव और हस्तक्षेप काफी उच्च स्तर तक बढ़ गया है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ज़मान ने कार्य योजना पर विचार करने के लिए एक तत्काल बैठक बुलाई है.

सेना के सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख चाहते हैं कि यूनुस जल्द से जल्द चुनावों की घोषणा करें. सेना की सबसे बड़ी चिंता यूनुस द्वारा कार्यकारी आदेशों के माध्यम से कैदियों की रिहाई है. बांग्लादेश सेना ज़मान के साथ सहमत है. 

यूनुस आतंकवादी समूहों के नेताओं को कर रहे रिहा 

यूनुस ने कई इस्लामी नेताओं को जेल से रिहा किया है, जैसे कि अलकायदा से जुड़े आतंकवादी समूह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी हाफी. इसका नतीजा है कि यूनुस की नियुक्ति के बाद से बांग्लादेश में इस्लामी चरमपंथियों ने केंद्र-मंच पर कब्ज़ा कर लिया है. यूनुस ने जहां आतंकवादियों को जेल से रिहा कर दिया है, वहीं उन्होंने हसीना की पार्टी BAL और उसके सभी सहयोगियों पर प्रतिबंध लगा दिया है. 

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