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विश्व युद्ध का खतरा बढ़ा! अमेरिका का खतरनाक 'टॉमहॉक अटैक', न्यूक्लियर ठिकानों पर सीधी चोट से बिलबिला उठा ईरान

US Iran Attack, Tomahawk Missiles: टॉमहॉक मिसाइलें बेहद सटीक, लंबी दूरी की और रडार से बच निकलने वाली मिसाइलें हैं. GBU-57 'बंकर बस्टर' बम इतनी ताकतवर है कि यह ज़मीन के 60 मीटर नीचे तक जाकर धमाका कर सकता है. इस हमले से वेस्ट एशिया में तनाव और बढ़ गया है और ईरान के जवाबी हमले का खतरा भी गहराया है.

US Iran Attack, Tomahawk Missiles: ईरान और इज़रायल के बीच चल रहे खतरनाक संघर्ष में अब अमेरिका भी कूद चुका है. अमेरिका ने ईरान के तीन सबसे अहम न्यूक्लियर ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर जोरदार हमला किया है. इस हमले में अमेरिका ने अपने सबसे खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल किया, जिसमें शामिल हैं – टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें और GBU-57 'बंकर बस्टर' बम.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को साफ चेतावनी बताया है और कहा है कि अगर ईरान शांति के प्रस्ताव को ठुकराता है तो इससे भी ज़्यादा घातक हमले किए जाएंगे. अमेरिका के इस हमले से अब दुनिया पर विश्व युद्ध का खतरा मंडराने लगा है. जैसे अमेरिका इजरायल का साथ दे रहा है, वैसे ही अगर ईरान के साथ कोई दूसरा देश आता है तो ये युद्ध और भी भयावह हो जाएगा. 

आखिर क्या है ये खतरनाक Tomahawk मिसाइल?

टॉमहॉक मिसाइल का नाम सुनते ही दुश्मन देशों के पसीने छूट जाते हैं. इसे खास तौर पर ऐसे दुश्मन ठिकानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है जो बहुत दूर हों या भारी सुरक्षा घेरे में हों.

ये मिसाइल युद्धपोतों और पनडुब्बियों से दागी जा सकती है.

इसकी रफ्तार 880 km/h है और यह जमीन से सिर्फ 30-50 मीटर ऊपर उड़ती है, जिससे दुश्मन के रडार इसे पकड़ नहीं पाते.

इसकी मारक दूरी 1,600 किमी से भी ज्यादा है.

इसमें एक हाई-एक्सप्लोसिव या क्लस्टर बम वारहेड होता है जो बड़े इलाके में भारी तबाही मचा सकता है.

कैसे काम करती है Tomahawk मिसाइल?

इस मिसाइल की सबसे खास बात है इसकी 'स्मार्ट दिमागी ताकत'. यह GPS, Inertial Navigation System (INS), TERCOM (Terrain Contour Matching) और DSMAC (Digital Scene Matching Area Correlation) जैसी तकनीक से लैस है.

मतलब यह कि:

  • रास्ते में पहाड़ हो या इमारतें, यह मिसाइल उन्हें पहचान कर सही रास्ता पकड़ लेती है.
  • बीच रास्ते में इसका टारगेट भी बदला जा सकता है.
  • दुश्मन को इसकी भनक भी नहीं लगती और हमला हो जाता है.

Tomahawk मिसाइल की खतरनाक इतिहास

  1. Gulf War (1991): 280 से ज्यादा टॉमहॉक दागे गए.
  2. 1998: अफगानिस्तान और सूडान में आतंकी शिविरों पर हमला.
  3. Iraq War (2003): 'Shock and Awe' ऑपरेशन के दौरान सैकड़ों मिसाइलें चलीं.
  4. Libya (2011): कर्नल गद्दाफी के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह किया.
  5. Syria (2017): केमिकल अटैक के जवाब में 59 टॉमहॉक मिसाइलें दागी गईं.

क्या है 'बंकर बस्टर' बम GBU-57?

टॉमहॉक के साथ अमेरिका ने GBU-57 'Massive Ordnance Penetrator' का भी इस्तेमाल किया.

  • वजन 13.5 टन.
  • ज़मीन के 60 मीटर नीचे तक घुसकर धमाका.
  • दुनिया का सबसे भारी और खतरनाक नॉन-न्यूक्लियर बम.

ईरान के न्यूक्लियर ठिकाने ज़मीन के अंदर बहुत गहराई में बने हैं. उन्हें नष्ट करने के लिए सिर्फ ऐसा ही बम काम आ सकता था.

अब क्या होगा?

अमेरिका का कहना है कि ये हमला 'एक बार की चेतावनी' थी. लेकिन ईरान इस पर चुप नहीं रहेगा. संभावना है कि ईरान इज़राइल या अमेरिका के ठिकानों पर जवाबी हमला करे या फिर होरमुज जलडमरूमध्य को बंद कर दे, जिससे दुनिया का तेल व्यापार रुक सकता है. लेकिन इस हमले ने ईरान को एक और संकेत दिया है – 'परमाणु बम बना लो वरना इस तरह के हमलों से कोई नहीं बचा सकता!'

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