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Tulsi Puja Niyam: रविवार को तुलसी के पास भूलकर भी न जलाए दीपक, जानिए दीपक जलाने का क्या है शुभ समय?

Tulsi Puja Niyam: सनातन में तुलसी के पौधे को भगवान का दर्जा मिला है. इसे मां लक्ष्मी का साक्षात रूप माना जाता है. इसके पूजा आदि को लेकर कुछ नियम बताए गए, जो कि शस्त्र संगत हैं.

Tulsi Puja Niyam: सनातन धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए तुलसी पूजन बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है. 

मान्यता है कि तुलसी माता (Tulsi Puja) की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर में मां लक्ष्मी का वास होता है, जिससे घर में आर्थिक संकट नहीं आती है और सुख- समृद्धि बनी रहती है.

शस्त्र में तुलसी पूजन के कुछ नियम भी बताए गए हैं, जिसका पालन करने से भक्तों पर कृपा बनी रहती है. इन नियमों के मुताबिक, रविवार (Raviwar) के दिन तुलसी पूजन को लेकर कई बातें बताई गई है, जो जानना बेहद जरूरी है. 

शास्त्रों के मुताबिक, रविवार के दिन तुलसी पूजा करना वर्जित माना गया है. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या इस दिन तुलसी के पास दीपक (Deepak) जलाना चाहिए या नहीं, क्योंकि वो हर रोज दीपक जरूर जलते हैं. 

शास्त्रों में रविवार के दिन तुलसी (Tulsi Puja Niyam) पूजन वर्जित है. इसमें कहा गया है कि इस दिन न तो तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना चाहिए और न ही पूजा करनी चाहिए. यहां तक की इस दिन तुलसी के पौधे को गलती से भी छूना भी नहीं चाहिए.

रविवार को तुलसी पूजन इसलिए निषेध माना गया है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन माता तुलसी विष्णु भगवान (Bhagwan Vishnu) के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. जिसकी वजह से इस दिन तुलसी के पास दीपक जलाना, जल चढ़ाना और इस दिन इनकी पूजा करना वर्जित माना गया है. 

धार्मिक मान्यता के मुताबिक तुलसी के पास सूर्यास्त के बाद भी दीपक नहीं जलाना चाहिए, क्योंकि शाम के समय तुलसी (Tulsi) का पौधा सो जाता है, जिसकी वजह से पूजा स्वीकार नहीं की जाती है. ऐसे में हमे रविवार को छोड़कर अन्य दिन सूर्यास्त से पहले ही तुलसी के आगे दीपक जला लेनी चाहिए. तुलसी के पास दीपक जलाने का बेहद ही शुभ समय सुबह का माना गया है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना और मान्यताओं पर आधारित है. Khabar Podcast इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है.)