Tulsi: ब्रह्म मुहूर्त में तुलसी के पत्ते तोड़ने के खास नियम, इन उपायों से खुल जाएगी किस्मत
तुलसी के नियमों का पालन करने से मनचाहे फलों की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु को तुलसी विशेष प्रिय हैं. यहीं कारण है कि तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

Tulsi: हिंदू धर्म में हर चीज का विशेष महत्व है. ऐसे में तुलसी के पौधे को देवी का स्वरूप माना जाता है. लगभग हर घर में इसकी पूजा की जाती है. शुभ कार्यो और पूजा पाठ में तुलसी के पत्ते का उपयोग किया जाता है. इसके आयुर्वेदिक महत्व भी हैं. इसके उपयोग से कई बीमारियां दूर हो जाती है. हालंकि, इसे लेकर कई सावधानियां भी बरतनी पड़ती है. इसे तोड़ने से लेकर इसके उपयोग को लेकर भी कई नियम शास्त्रों में बताए गए हैं.
कहा ये भी जाता है कि अगर हम तुलसी के पत्ते को तोड़ने और पूजा में इसके उपयोग में नियम का पालन करते हैं तो विशेष फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कब तोड़ने चाहिए तुलसी के पत्ते और किन जरूरी बातों का रखना चाहिए ध्यान.
तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम
शास्त्रों के मुताबिक, तुलसी के पत्ते ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurt) में तोड़ना शुभ होता है. यानी कि सुबह 5 बजे तक तुलसी के पत्ते को नियम से तोड़ लेनी चाहिए. पत्तों को तोड़ते समय कुछ नियमों का पालन जरूरी है. इस समय देवी-देवताओं को स्मरण करने से अक्षय पूण्य की प्राप्ति होती है. तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले स्नान करना जरूरी है.
स्नान के बाद अपने इष्टदेव और तुलसी के पौधे की पूजा (Tulsi Puja) करें . पहली बार में केवल 21 पत्तों को ही तोड़ें. ऐसा करने से आपको जीवन में खुशियों की सौगात मिल सकती है. तुलसी के पौधे को जल चढ़ाते समय ‘ॐ-ॐ' मंत्र का जाप करें. इस मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए. इस मंत्र को बहुत लाभकारी माना जाता है.
इन मंत्रो का भी किया जा सकता है जाप
- ॐ सुभद्राय नम:
- मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी,
- नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।।
नियम से रोज चढ़ाए जल
घर में लगे तुलसी के पौधे की पूजा निरंतर करना जरूरी है. तुलसी के पौधे को प्रतिदिन नियम से जल चढ़ाएं. इससे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. माना जाता है कि तुलसी के पत्तों में सिंदूर लगाने से आर्थिक समस्या दूर होती है और धन की समस्या नहीं रहती है. भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को तुलसी विशेष प्रिय हैं. यहीं कारण है कि तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
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