Masik Shivratri 2024: आज है मासिक शिवरात्रि का व्रत, जानिए इसके महत्व से लेकर पूजा की विधि
Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूरे मनोभाव से पूजा-आराधना की जाती है. भक्त भगवान शिव के लिए व्रत भी करते हैं. इस दिन को भोलेनाथ के लिए विशेष माना जाता है. उनकी भक्ति से भक्तों पर शिव की कृपा बनी रहती है.

Masik Shivratri 2024: सनातन धर्म में शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है. मान्यता है कि फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि के दिन ही महादेव और मां गौरी का विवाह हुआ था, जिसके बाद हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भक्त मासिक शिवरात्रि का व्रत रखना शुभ और फलदायी मानते हैं. मासिक शिवरात्रि का व्रत से भोलेनाथ बेहद खुश होते हैं और भक्त की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.
मासिक शिवरात्रि का का समय
पंचांग के मुताबिक, इस महीने मासिक शिवरात्रि का व्रत आज यानी 4 जुलाई, गुरुवार के दिन रखा जा रहा है. चतुर्दशी तिथि की शुरूआत सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर हो रही है और इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 5 जुलाई, शुक्रवार सुबह 4 बजकर 57 मिनट पर हो जाएगी. ऐसे में इसी समय के अंतराल में भक्त व्रत और पूजा समेत कई शुभ कार्य करते हैं.
मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
मासिक शिवरात्रि के दिन महादेव की पूजा (Shiv Puja) का शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 6 मिनट से रात 12 बजकर 46 मिनट के बीच है. पूजा का मुहूर्त रात में होता है, हालांकि भक्त सुबह भी भगवान शिव का विधि से पूजा करते हैं. भक्त इस दिन सुबह उठकर स्नान पश्चात महादेव का ध्यान और पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत का संकल्प लेते हैं. इस दिन भक्त भोलेनाथ के मंदिर जाकर जल अर्पित करने से लेकर भजन-कीर्तन भा करते हैं. इसके बाद रात के समय शुभ मुहूर्त में महादेव की पूजा की जाती है.
मासिक शिवरात्रि का पूजा विधि
भगवान शिव की पूजा में शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा और भांग आदि अर्पित किए जाते हैं. शिव पूजा के दौरान शिव पुराण, शिव स्तुति और शिव चालीसा का पाठ करना भी शुभ होता है. इस दिन महादेव पर फलाहार और सफेद मिठाई भोग में चढ़ाना शुभ होता है. व्रत रखने वाले भक्त अन्न का सेवन नहीं करते हैं. माना जाता है कि शिवरात्रि का व्रत यदि कुंवारी कन्याएं रखें तो उन्हें अच्छे वर की प्राप्ति होती है और यदि वैवाहिक महिलाएं इस व्रत को रखती हैं तो उनका वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है. पुरुष भी पूरे मन से महादेव का व्रत रखते हैं और भक्ति में लीन रहते हैं. भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती (Mata Parvati) और नंदी महाराज का भी पूजन किया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Khabar Podcast इसकी पुष्टि नहीं करता है.)