बिहार में 2 चरणों में होंगे चुनाव, 6 और 11 नवंबर को वोटिंग, 14 नवंबर को आएंगे नतीजे
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में होंगे – पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी. इस बार मुकाबला बीजेपी-जेडीयू गठबंधन और महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस) के बीच कांटे का रहने वाला है। वहीं प्रशांत किशोर की पार्टी 'जन सुराज' सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़कर मुकाबले को और दिलचस्प बनाएगी.

Bihar Assembly Election Date 2025: बिहार की राजनीति में बड़ा ऐलान हो गया है. चुनाव आयोग ने सोमवार दोपहर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान किया. इस बार चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे. पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा. इसके बाद वोटों की गिनती 14 नवंबर 2025 को होगी.
दो चरणों में मतदान, 243 सीटों पर होगा चुनाव
बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों पर चुनाव होंगे. इनमें से 121 सीटों पर पहले चरण में मतदान होगा, जबकि बाकी सीटों पर दूसरे चरण में वोट डाले जाएंगे. चुनावी तारीखें इस तरह तय की गई हैं कि मतदान छठ और दिवाली जैसे बड़े त्योहारों (18 अक्टूबर से 28 अक्टूबर) के बाद हो, ताकि अधिकतम लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें.
#WATCH | Delhi | Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar says, "After five years, Bihar Assembly elections will be held on the pious land of Bihar....The Special Intensive Revision (SIR) has sanitized the electoral rolls. All political parties and individuals were invited to… pic.twitter.com/5vClOKPmrP
सियासी मुकाबला: NDA बनाम महागठबंधन
बिहार में इस बार सीधा मुकाबला एनडीए (भाजपा-जदयू गठबंधन) और महागठबंधन (राजद-कांग्रेस नेतृत्व) के बीच होगा. वहीं, चुनावी मैदान में एक नया खिलाड़ी भी उतर रहा है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपनी नई पार्टी जन सुराज के साथ सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. यह उनका चुनावी डेब्यू होगा.
विवादों के बीच चुनावी प्रक्रिया
इस बार का चुनाव एक बड़े विवाद की छाया में होगा. चुनाव आयोग ने हाल ही में बिहार की मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) कराया था.
आयोग का दावा है कि यह प्रक्रिया सिर्फ पात्र मतदाताओं को सुनिश्चित करने के लिए की गई.
आयोग के अनुसार, बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाली और बांग्लादेशी नागरिक शामिल पाए गए थे.
इस प्रक्रिया के बाद बिहार में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 7.9 करोड़ से घटकर 7.24 करोड़ रह गई.
वहीं, विपक्ष ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे हाशिए पर मौजूद समुदायों को वंचित करने की कोशिश बताया. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां अदालत ने कहा कि अगर इसमें गैरकानूनी प्रक्रिया पाई गई, तो इसे कभी भी रद्द किया जा सकता है.
पिछला चुनाव: 2020 का गणित
साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीती थीं (भाजपा 74, जदयू 43, अन्य 8), जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं (राजद 75, कांग्रेस 19, अन्य 16.
नतीजों के बाद नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर सातवीं बार मुख्यमंत्री पद संभाला. हालांकि, बीच कार्यकाल में उन्होंने राजद-कांग्रेस गठबंधन से हाथ मिला लिया और महागठबंधन सरकार बनाई. बाद में उन्होंने एक बार फिर पलटी मारते हुए भाजपा के साथ सत्ता में वापसी की.
2025 चुनाव क्यों अहम है?
बिहार का यह चुनाव सिर्फ राज्य की राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि 2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों का भी हिस्सा माना जा रहा है. इसके बाद आने वाले दो सालों में देश के कई अहम राज्यों — असम, बंगाल, तमिलनाडु (2026), पंजाब और उत्तर प्रदेश (2027) में विधानसभा चुनाव होने हैं.
अन्य राज्यों में उपचुनाव भी घोषित
चुनाव आयोग ने बिहार के साथ-साथ 8 विधानसभा उपचुनावों की तारीखों का भी ऐलान किया है. इनमें से दो जम्मू-कश्मीर में होंगे, जिनमें बडगाम की सीट भी शामिल है. इसके अलावा राजस्थान, झारखंड, तेलंगाना, पंजाब, मिजोरम और ओडिशा की एक-एक सीट पर भी उपचुनाव होंगे.
अब बिहार की राजनीति में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या नीतीश कुमार और भाजपा का गठबंधन अपनी पकड़ बरकरार रख पाएगा, या फिर महागठबंधन और प्रशांत किशोर की एंट्री चुनावी समीकरण बदल देगी.
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