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यूसुफ पठान की जगह Operation Sindoor आउटरीच के लिए अभिषेक बनर्जी क्यों? जानिए ममता बनर्जी क्यों खेला ये खेल

TMC ने घोषणा की है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखने के लिए विदेश जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपने भतीजे और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी को नामित किया है. बंगाल चुनाव से पहले ममता बनर्जी का ये मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है और कहा जा रहा है कि अभिषेक बनर्जी को भविष्य में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है.

तृणमूल कांग्रेस (TMC) लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी को पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजेगी, जो ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर आतंकवाद के खिलाफ भारत के जीरो टॉलरेंस के रुख को आगे बढ़ाने के लिए विदेश जाएगा. वह केंद्र के वैश्विक आउटरीच प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में बहरामपुर के सांसद यूसुफ पठान की जगह लेंगे.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने विदेश यात्रा पर जाने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी को अपना प्रतिनिधि नामित किया है.

टीएमसी ने अभिषेक बनर्जी को चुना

अभिषेक बनर्जी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे हैं और टीएमसी में दूसरे नंबर के नेता हैं. पार्टी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के वैश्विक अभियान के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने के लिए राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को नामित किया है.'

'एकतरफा' प्रतिनिधिमंडल के चयन पर विवाद

टीएमसी ने सोमवार (19 मई) को कहा कि वह यूसुफ पठान को नहीं भेजेगी क्योंकि केंद्र ने क्रिकेटर से राजनेता बने इस खिलाड़ी को जेडीयू के संजय कुमार झा की अध्यक्षता वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया है.

ममता बनर्जी ने अभिषेक को ही क्यों चुना?

पश्चिम बंगाल में 2027 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में ममता बनर्जी नहीं चाहती कि यूसुफ पठान पार्टी का बड़ा चेहरा बन जाए... आने वाले चुनाव में वह भतीजे अभिषेक बनर्जी को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती हैं. वह चाहती हैं कि आने वाले समय में अभिषेक ही पार्टी का बड़ा चेहरा बने. यही कारण है कि सीएम ममता बीजेपी की चुनावी चाल में नहीं फंसना चाहती हैं. 

केंद्र ने बंगाल की सीएम को कैसे शांत किया?

कहा जा रहा है कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिनिधिमंडल विवाद को लेकर सीएम ममता बनर्जी से संपर्क किया है. कॉल के दौरान उन्होंने टीएमसी के प्रतिनिधि के लिए उनसे सुझाव मांगा और उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में अभिषेक बनर्जी के नाम की सिफारिश की.

सूत्रों के अनुसार, ममता बनर्जी ने किरेन रिजिजू से यह भी कहा कि सरकार को टीएमसी प्रतिनिधि चुनने से पहले उनसे सलाह लेनी चाहिए थी. सोमवार को रिजिजू ने कहा था कि केंद्र ने प्रतिनिधिमंडलों के लिए राजनीतिक दलों से नाम नहीं मांगे हैं. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ भारत के युद्ध के लिए वैश्विक समर्थन जुटाने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के लिए किसी भी पार्टी से नाम सुझाने के लिए नहीं कहा गया.'

इससे पहले कांग्रेस ने बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के लिए पार्टी के प्रतिनिधियों के अपने सुझावों की अनदेखी करने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. हालांकि, इसने कहा कि इसके सदस्य प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होंगे क्योंकि मुद्दा बड़ा है.

अलग-अलग दलों से चुने गए 51 नेता

भारत विभिन्न दलों के 51 राजनीतिक नेताओं, सांसदों और पूर्व मंत्रियों को सात प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों के रूप में भेज रहा है, जो ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान में आतंकवाद को उजागर करेगा. 

भारत सरकार ने कुल 7 अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं, जिनमें रविशंकर प्रसाद (BJP), शशि थरूर (कांग्रेस), कनिमोझी (DMK), सुप्रिया सुले (NCP), संजय कुमार झा (JDU), श्रीकांत शिंदे (शिवसेना), सलमान खुर्शीद, अपराजिता सारंगी, जॉन ब्रिटास आदि हैं. ये नेता इंडोनेशिया, मलेशिया, साउथ कोरिया, जापान और सिंगापुर जैसे देशों में जाकर भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाएंगे. 

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