BREAKING:
टिफ़नी फ़ॉन्ग कौन हैं, जिससे एलन मस्क के 15वें बच्चे को पैदा करने से किया इनकार? अब पड़ रहा है मंहगा       बेंगलुरु के शख्स ने 50 करोड़ में खरीदा 'Okami', अब ED पड़ी पीछे, क्या है इस अमेरिकी वुल्फडॉग की खासियत?       10,000 लोग, गंदी भाषा, घातक हथियार, बेकाबू भीड़... हिंसा के दिन मुर्शिदाबाद में क्या हुआ था? रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे       क्या आप भी BluSmart पर नहीं कर पा रहे Cab Booking? जानिए SEBI ने बड़े घोटाले पर कैसे लिया एक्शन       3 महीनों में 25 लोगों की गई जान, पहाड़ों के बीच मेघालय का खूबसूरत हाईवे बन रहा मौत का कुआं       इंस्टाग्राम पर दोस्ती, अफेयर, पकड़ी गई आशिकी और फिर पति का कत्ल... यूट्यूबर रविना और सुरेश की खौफनाक कहानी       क्या अब दिल्ली की सड़कों पर नहीं दिखेगा CNG ऑटोरिक्शा? परिवहन मंत्री ने बताई सच्चाई, नई EV नीति का समझिए पूरा गणित       दिल्ली में कांग्रेस-RJD की बैठक से बिहार चुनाव में किस ओर मुड़ेगा INDIA Bloc का रास्ता? जानिए मीटिंग में क्या खास       सीमा पार से आए लोगों ने किया मुर्शिदाबाद हिंसा... TMC नेता कुणाल घोष का बड़ा बयान- बांग्लादेशी स्टाइल में हुए हमले       NDA से वफादारी के बदले मिला अन्याय... चिराग के चाचा पशुपति पारस का छलका दर्द, बिहार चुनाव को लेकर बताया अपना मास्टरप्लान      

Loksabha election 2024: एक उम्मीदवार कितनी सीटों पर लड़ सकता है चुनाव? जानिए, इस बार किन दिग्गजों ने चुनी एक से अधिक सीटें

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33, उम्मीदवारों को अधिकतम दो सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति देती है, जो देश में लोकतंत्र की बदलती गतिशीलता को दर्शाती है.

चुनाव अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवार एक या उससे अधिक सीट पर चुनाव लड़ते हैं और अब ये बात आम होती जा रही है. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33, उम्मीदवारों को अधिकतम दो सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति देती है, जो देश में लोकतंत्र की बदलती गतिशीलता को दर्शाती है. अपने राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए नेता अक्सर एक साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ते हैं. यदि वे दोनों सीटें जीतते हैं, तो वे आम तौर पर अपनी सुविधा के अनुसार एक सीट से इस्तीफा दे देते हैं, जो एक कानूनी आवश्यकता है. 

दोनों सीट जीतने पर क्या होता है?

हालांकि, जब कोई उम्मीदवार दोनों सीट से चुनाव जीत जाता है तो उसे कानूनन एक सीट से इस्तीफा देना पड़ता है. नियमों के मुताबिक, खाली सीट पर छह महीने के भीतर  कराना जरूरी है. जब किसी सीट पर उपचुनाव होता है तो फिर से उतना ही खर्च होता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग ने लगभग पांच हजार करोड़ रुपये खर्च किए थे.

उपचुनाव में कितना होता है खर्च

एक सीट पर औसतन 9.20 करोड़ रुपये. अब उपचुनाव की स्थिति में फिर से लगभग इतना ही खर्च करना पड़ता है. इसे लेकर चुनाव आयोग ने सिफारिश की थी कि अगर कोई उम्मीदवार दोनों सीटों से चुनाव जीत जाता है और एक सीट से इस्तीफा दे देता है, तो वहां होने उपचुनाव का खर्च भी ही देना चाहिए.

इन दिग्गजों ने आजमाया दो सीटों पर किस्मत

पिछली बार की तरह ही इस बार भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दो सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. राहुल इस बार केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दो सीटों- उत्तर प्रदेश के वाराणसी और गुजरात के वड़ोदरा से चुनाव लड़ा था. वो दोनों ही जगह जीत गए थे.  इसके बाद वड़ोदरा सीट से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. इस बार ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. लोकसभा के साथ ही ओडिशा में विधानसभा चुनाव भी हो रहे हैं. नवीन पटनायक ने हिंजली और कांटाबांजी सीट से नामांकन दायर किया है.

चुनाव आयोग की अपील

इस मामले पर 2024 में चुनाव आयोग ने एक सीट से एक व्यक्ति के चुनाव लड़ने का नियम लागू करने का प्रयास किया. इसके अतिरिक्त, आयोग ने प्रस्ताव दिया कि यदि एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की वर्तमान व्यवस्था को बनाए रखना है, तो उन उम्मीदवारों को उनके इस्तीफे के परिणामस्वरूप होने वाले किसी भी उप-चुनाव का खर्च भी वहन करना चाहिए. इस प्रस्ताव के कारण सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसने अंततः इसे खारिज कर दिया.

ये भी देखिए: 'AAP' ने दिल्ली LG को बताया BJP का एजेंट, केजरीवाल के खिलाफ NIA जांच की सिफारिश पर मचा बवाल