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विपक्ष में जमकर क्रॉस वोटिंग! CP Radhakrishnan बने देश के 15वें नए उपराष्ट्रपति, सुधर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराया

एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने बी. सुधर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराकर भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने. राधाकृष्णन को 452 और रेड्डी को 300 वोट मिले. इस चुनाव में कई विपक्षी सांसदों के क्रॉस वोटिंग करने की भी चर्चा है.

CP Radhakrishnan becomes India's 15th Vice President: एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बनने का गौरव हासिल किया है. राधाकृष्णन ने अपने प्रतिद्वंदी बी. सुधर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया. मंगलवार को हुए इस चुनाव में राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को सिर्फ 300 वोट ही हासिल हो सके.

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला. वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद गिनती शुरू हुई और देर शाम नतीजे घोषित कर दिए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर के कमरा नंबर 10 में सबसे पहला वोट डाला. उनके साथ केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल, जितेंद्र सिंह और एल. मुरुगन भी मौजूद रहे.

विपक्ष से हुआ क्रॉस वोटिंग

चुनाव नतीजों ने साफ कर दिया कि विपक्षी खेमे में भी मतभेद गहराए हुए हैं. बताया जा रहा है कि कम से कम 19 विपक्षी सांसदों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दिया. इससे राधाकृष्णन की जीत और भी आसान हो गई.

किन दलों ने किया समर्थन

सीपी राधाकृष्णन को भाजपा के अलावा टीडीपी, जेडीयू, शिवसेना, एनसीपी, एजीपी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), राष्ट्रीय लोक दल, जेडीएस और एआईएडीएमके का समर्थन मिला. इसके अलावा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी ने भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट डाला.

वहीं रेड्डी को कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, झामुमो, आप, राजद, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और वामदलों का समर्थन मिला.

कुछ दल रहे दूर

इस चुनाव में कई दलों ने मतदान से दूरी बनाई। इनमें बीजू जनता दल (बीजेडी), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) शामिल रहे. खास बात यह रही कि राधाकृष्णन को जहां 437 वोट मिलने की उम्मीद थी, वहां उन्हें 452 वोट मिले. वहीं रेड्डी को जहां 324 वोट मिलने तय माने जा रहे थे, उन्हें केवल 300 वोट ही मिल पाए.

क्यों हुई उपराष्ट्रपति चुनाव की नौबत

यह उपराष्ट्रपति चुनाव बीच कार्यकाल में इसलिए कराना पड़ा क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक 21 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इस्तीफे की वजह स्वास्थ्य संबंधी कारणों को बताया, हालांकि राजनीतिक हलकों में इसे लेकर कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं.

राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर

सीपी राधाकृष्णन दक्षिण भारत से आने वाले अनुभवी राजनेता हैं और भाजपा संगठन में उनकी गहरी पकड़ मानी जाती है. पार्टी और एनडीए ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर साफ संकेत दिया था कि वे संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा के अध्यक्ष पद पर भी एक सख्त और अनुभवी नेतृत्व चाहते हैं.

देश की राजनीति पर असर

राधाकृष्णन की जीत के साथ ही एनडीए ने न केवल उपराष्ट्रपति पद पर अपनी पकड़ मजबूत की है, बल्कि विपक्षी एकजुटता पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि यह नतीजा आने वाले वक्त में संसद के कामकाज और विपक्ष-सरकार के रिश्तों को भी प्रभावित करेगा.

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