सीमा पार से आए लोगों ने किया मुर्शिदाबाद हिंसा... TMC नेता कुणाल घोष का बड़ा बयान- बांग्लादेशी स्टाइल में हुए हमले
Murshidabad Violence: सीमा सुरक्षा बलों के अनुसार, रविवार को कुछ उपद्रवियों ने कुछ स्थानों पर हमले करने की कोशिश की. लेकिन बीएसएफ ने जल्द ही उन्हें काबू कर लिया. पुलिस जांच से पता चला है कि SDPI के सदस्य क्षेत्र में युवाओं को भड़का रहे हैं, वक्फ कानून का इस्तेमाल कर रहे हैं.

Kunal Ghosh On Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में तनाव के बाद टीएमसी नेता कुणाल घोष का बयान सामने आया है. उन्होंने इसका सारा ठीकरा पड़ोसी बांग्लादेश और बीजेपी पर फोड़ दिया. जैसे कि राज्य की ममता सरकार का कोई दायित्व न हो. उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद हिंसा को अंजाम देने के लिए सीमा पार से गैंग आया था.
कुणाल घोष ने कहा, 'विरोध प्रदर्शन तो होंगे लेकिन यह हमले का मामला है। मुर्शिदाबाद के दो इलाकों में भड़काने वाले, हमला करने वाले, लूटने वाले, बड़ा गैंग सीमा पार करके घुसा था. हिंसा करने के बाद वे सुरक्षित रास्ते से वापस आ गए.'
उन्होंने आगे बताया कि इलाके के लोगों ने बताया है कि वे हमलावरों को पहचान नहीं पाए. हमलावरों ने नकाबपोश होकर हमला किया था. हिंसा भी बांग्लादेश की हिंसा जैसी ही थी. उन्होंने ये भी दावा किया कि TMC ही नहीं LOP शुभेंदु अधिकारी भी कह रहे थे कि वे बांग्लादेश से आए हैं.
TMC ने BSF पर लगाए संगीन आरोप
ममता बनर्जी सरकार पर लग रहे आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए कुणाल घोष ने कहा, 'सीमा BSF के अधिकार क्षेत्र में है, राज्य पुलिस के नहीं. अगर कोई गिरोह योजना बनाकर घुसा और हिंसा की तो बीएसएफ की क्या भूमिका थी? क्या यह BSF की विफलता है, BSF की एक टुकड़ी ने जानबूझकर अनुमति दी, हम जांच की मांग करते हैं.'
कुणाल घोष ने उच्च स्तरीय जांच की मांग
उन्होंने आगे कहा, 'यह कैसे हुआ? दूसरी बात यह है कि बीजेपी के लोग सोशल मीडिया पर मुर्शिदाबाद हिंसा की बताकर फर्जी तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं. हम कार्रवाई कर रहे हैं, डिलीट कर रहे हैं, लेकिन वे बार-बार सामने आ रही हैं. तीसरी बात यह है कि अलीपुरद्वार में दूसरे राज्यों के हिंदू मुस्लिम पुरुषों का वेश धारण करके घुसे, उन्हें क्यों रोका जा रहा है? घुस रहे हैं? हमने उन्हें पकड़ा, हमने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया. यह किस तरह की साज़िश है? हम उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं.'
मुर्शिदाबाद प्रतिबंधित समूहों का गढ़
बता दें कि मुर्शिदाबाद कभी प्रतिबंधित सिमी समूह का गढ़ हुआ करता था. पुलिस ने अब दावा किया है कि कई लोग सिमी छोड़कर PFI में शामिल हो गए और अब SDPI से जुड़े हुए हैं. हिंसा में पिता-पुत्र समेत कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई. रविवार को मुर्शिदाबाद से नावों पर सवार होकर मालदा जैसे पड़ोसी जिलों में जाने वाले कई लोगों के वीडियो सामने आए. अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए जिले के बेहद संवेदनशील इलाकों में मंगलवार तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है. बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि मुर्शिदाबाद के धुलियान से लगभग 400 हिंदू विस्थापित हो गए हैं.