BREAKING:
क्या है रेपो रेट, जिसमें 50 बेसिस पॉइंट की हुई कटौती? जानिए इसका आम लोगों के जेब पर कैसे पड़ता है असर       भूतों को मिल रही सैलरी! ₹230 करोड़ का घोटाला, फिल्मों की तरह इन 5 सीन में मध्य प्रदेश के 'सैलरी स्कैम' की पूरी कहानी       कैसे काम करता है भारत का एयर डिफेंस सिस्टम? समझिए Step by Step, देखिए देश की मिसाइलों की LIST, जिससे थर्रा जाते चीन-पाकिस्तान       एपस्टीन के सेक्स नेटवर्क में ट्रम्प! मस्क के दावों से मचा कोहराम, क्या 20 साल पुराने सच से उठेगा पर्दा?       कितनी पढ़ी-लिखी हैं महुआ मोइत्रा और कितनी संपत्ति की मालकिन? जानिए यहां TMC सांसद के बारे में सबकुछ       Aaj Ka Rashifal 6 June 2025: चंद्रमा का बदलता मूड, किसकी किस्मत चमकेगी आज?       OnePlus Pad 3: 12000mAh बैटरी और 80W चार्जिंग के साथ ताकतवर टैबलेट, फीचर्स कर देगा हैरान       भारत के लिए क्यों अहम है चिनाब पुल? जानिए दुनिया का सबसे ऊंचे रेल आर्च ब्रिज की खासियत       फ्यूजलेज क्या होता है? राफेल की रीढ़, जिसका निर्माण अब भारत में टाटा-डसॉल्ट करेगी? नहीं देखना होगा विदेशियों का मुंह       बेंगलुरु भगदड़ के लिए कौन जिम्मेदार है? RCB, कर्नाटक सरकार या फिर दोनों, सबक कब सिखेगी सरकारें?      

'कोई लीगल चैलेंज नहीं, हर समस्या का है समाधान', वन नेशन वन इलेक्शन पर ऐसा क्यों बोले शिवराज सिंह चौहान?

Shivraj Singh Chauhan On One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन पर जेपीसी की रिपोर्ट आने का इंतजार है. इस बीच मोदी सरकार पूरी तरह से इसे लागू करने की तैयारी में है. सरकार में मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके बीच आने वाले वाली चुनौतियों को लेकर बात की.

Shivraj Singh Chauhan On One Nation One Election: 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर चर्चा तेज है. जेपीसी की रिपोर्ट आने के बाद इसे कभी भी दोनों सदन में पास कराने के लिए लाया जा सकता है. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि देश में लगातार हो रहे चुनाव राष्ट्र की प्रगति और विकास में बाधा बन गए हैं और इस समस्या का समाधान एक साथ चुनाव कराने पर गठित राम नाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट में मौजूद है.

आज भोपाल के ओरिएंटल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट में 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर केंद्रित सेमिनार में भाग लेते हुए शिवराज सिंह चौहान ने छात्रों को इसके इंपोर्टेंस के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि देश में लगातार हो रहे चुनाव देश की प्रगति और विकास में बाधा बन गए हैं. लगातार चुनाव होने से विकास में रुकावट है.

'बार-बार चुनाव से एनर्जी और टाइम बर्बाद'

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'नौकरशाहों और नेताओं की ताकत और ऊर्जा चुनावों में काफी बर्बाद हो रही है. लॉन्ग टर्म प्लान ठीक से नहीं बन पा रही है. हमारे अधिकारी भी चुनाव कराने के लिए दूसरे राज्यों में चले जाते हैं. चुनाव की प्रक्रिया में अनावश्यक धन भी खर्च होता है. कई बार राजनीतिक दल और सरकारें चुनावों के कारण बड़े फैसले लेने से डरती हैं. इसलिए जरूरी है कि लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएं.'

उन्होंने कहा, 'हर चार महीने में चुनाव का नाटक बंद होना चाहिए. सभी राजनीतिक दल कुछ करें या न करें, लेकिन वे साल के 365 दिन चुनाव की तैयारी में लगे रहते हैं. देश का विकास कब होगा? अब आम जनता के साथ-साथ छात्र भी एक राष्ट्र एक चुनाव की आवाज उठा रहे हैं.' 

चुनौतियों को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा?

इस दौरान चुनौतियों के बारे में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'कोई कानूनी चुनौती नहीं है। रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट में हर समस्या का समाधान है. मान लीजिए अगर कोई विधानसभा बीच में भंग हो जाती है, तो चुनाव शेष अवधि के लिए होंगे, पूरे पांच साल के लिए नहीं होंगे. रास्ता निकाला जा सकता है और निकाला जाएगा.'

महाकुंभ की व्यवस्था की तारीफ

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने प्रयागराज में महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा, 'भारतीय संस्कृति जीवन मूल्यों और परंपराओं की अभिव्यक्ति के रूप में उभरी है. यह अद्भुत और अभूतपूर्व है कि देश की आधी आबादी ने महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाई. यह एक आस्था है और इसने हजारों वर्षों से देश को एकजुट रखा है. मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम को महाकुंभ के सफल आयोजन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में असंभव को संभव बनाने के लिए बधाई देता हूं.' 

ये भी देखिए: चार धाम यात्रा 30 अप्रैल 2025 से होगी शुरू, यहां जानिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन और क्या है टिकट की कीमत