'लव, लैंड और वोट जिहाद', आर्टिकल 370 से लेकर वक्फ बोर्ड तक: महाराष्ट्र में BJP अभियान में हिंदुत्व का उबाल
Maharashtra Election 2024: BJP हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है. उम्मीद की जा रही है कि इससे पार्टी को किसान संकट और विपक्ष के जाति अभियान पर काबू पाने में मदद मिलेगी.

Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में भाजपा के चुनावी अभियान में 'बटेंगे तो कटेंगे' और 'एक हैं तो सुरक्षित हैं' ने उबाल ला दिया है. ये चुनाव और भी दिलचस्प हो गया है. BJP की सहयोगी NCP हिंदुत्व एजेंडे पर असहज है, लेकिन घोषणापत्र में 'धर्मांतरण विरोधी कानून' का वादा शामिल किया है. इसके अलावा NCP किसानों से कह रही है कि कांग्रेस के शासन में उनकी जमीन वक्फ बोर्ड ले सकती है.
जम्मू-कश्मीर की नवनिर्वाचित विधानसभा ने जम्मू -कश्मीर के लिए विशेष दर्जा बहाल करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. इसे लेकर बीजेपी महाराष्ट्र से ही दहाड़ मार रही है और बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ आर्टिकल 370 का अध्याय फिर से खोल दिया है. उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह औरंगजेब और पाकिस्तान पर कब्जा करने का वादा करते हुए AIMIM पर निशाना साध रहे हैं.
#WATCH | Mumbai | BJP leader Kirit Somaiya says, "Lok Sabha LoP Rahul Gandhi and Uddhav Thackeray have planned to carry out land jihad, love jihad and vote jihad in Vidhan Sabha elections too...Now the people of Maharashtra are aware, and they will answer the MVA which attacks… pic.twitter.com/q6zzGCIpvM
'लव जिहाद विरोधी' रैलियां
बीजेपी के हिंदुत्व के भाषण में यह तेजी महाराष्ट्र में पिछले कुछ महीनों के लंबे समय के बाद आई है. यह सब तब शुरू हुआ, जब वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के समर्थन से पूरे राज्य में 'लव जिहाद विरोधी' रैलियां आयोजित की थीं. चुनाव के करीब आते ही फडणवीस सहित राज्य के शीर्ष बीजेपी नेताओं ने अल्पसंख्यक मतदान पैटर्न पर एक अप्रत्यक्ष हमले में चुनावी भाषण में 'वोट जिहाद' को जोड़ दिया.
मुंबई की वर्सोवा सीट पर फडणवीस ने कहा, 'लव जिहाद, लैंड जिहाद का मुकाबला धर्म युद्ध से किया जाना चाहिए.' हिंदुत्व के मुद्दों पर और अधिक सख्ती बरतने के लिए दूसरा प्रोत्साहन लोकसभा के नतीजे थे, जिसमें भाजपा को सिर्फ नौ सीटें मिलीं, जो 2019 में 23 सीटों से काफी कम थी.
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योगी फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं।
आज महाराष्ट्र में उन्होंने खड़गे के सेक्युलरिज्म की नकाब यह बोलकर, खड़गे को याद दिलाकर चीथड़ा कर दी कि मुझ पर आगबबूला होने के बजाए उस निजाम पर आगबबूला हो, जिसने तुम्हारे पूरे गांव और तुम्हारी मां बहन समेत परिवार को जिंदा जलाकर मौत के घाट उतारा। pic.twitter.com/DJdEHN4evN
क्या कहती है रिपोर्ट?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी का यह अनुमान कि आरक्षण को लेकर मराठाओं का गुस्सा शांत हो जाएगा, खास तौर पर उसके मुख्य चेहरे मनोज जरांगे-पाटिल के उलटफेर को देखते हुए, जो कि काफी हद तक विफल रहा है. जरांगे-पाटिल का किसी को भी समर्थन न देने का फैसला एमवीए के पक्ष में जा सकता है, क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि मराठा वोट बंटेगा नहीं और गठबंधन के पीछे एकजुट रहेगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, नागपुर शहरी क्षेत्र में एक राज्य सरकार के कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, 'राम मंदिर से लेकर आर्टिकल 370 को हटाने तक, यह सब भाजपा की वजह से ही संभव हो पाया.' अधिकारी ने कहा कि ऐसे राज्य में जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं, हमें उनके (मुस्लिम) दबाव के आगे क्यों झुकना चाहिए.'
सीएम योगी की एंट्री से माहौल गर्म
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मैदान में उतारने का कारण अहम भी है, जिन्होंने पहली बार 'काटेंगे तो बताएंगे' का नारा दिया था. इसका उद्देश्य बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय प्रवासी आबादी को आकर्षित करना है.
हिंदू बहुल इलाकों से हटकर हिंदू वोटों का एकीकरण भाजपा को उन इलाकों में भी अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलने में मदद कर सकता है, जहां मुस्लिमों की संख्या अधिक है. दरअसल, भाजपा का हिंदुत्व अभियान खास तौर पर उन निर्वाचन क्षेत्रों में प्रमुख है, जहां मुस्लिम वोट निर्णायक कारक हैं.
Yesterday at a Rally in Akola, Maharashtra 🤌🏻
PM Modi thanked all the Haryanvis and praised them to voting on "Ek hain toh safe hain" motive🥹✨
It's your turn dear Maharashtra!! pic.twitter.com/I3QDHmege0
सीएम योगी के भाषण को पीएम मोदी की दिशा
महाराष्ट्र में कम से कम 15 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी बड़ी है, जो कुल आबादी का 30% से 78% तक है. अनुमान है कि राज्य की आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी करीब 12% है. इसलिए पिछले हफ़्ते उत्तरी महाराष्ट्र के धुले में पीएम मोदी ने आदित्यनाथ के 'काटेंगे तो बताएंगे' नारे को 'एक हैं तो सुरक्षित हैं' नारे में बदल दिया. धुले सिटी निर्वाचन क्षेत्र को 2019 में AIMIM ने जीता था और इस सीट पर भाजपा के पास एक पूर्व पार्टी नेता के रूप में एक शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वी है.
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