J&K assembly election: कौन है Ram Madhav? BJP ने जम्मू-कश्मीर का सौंपा कमान, RSS से है गहरा नाता
J&K assembly election: राम माधव फिलहाल इंडिया फाउंडेशन नामक थिंक टैंक के अध्यक्ष हैं. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. राज्य में काम करने का उनका अनुभव काफी पुराना है.

J&K assembly election: जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir Assembly elections) के तारीखों की घोषणा के बाद सभी पार्टियां हरकत में आ गई है. इस बीच बीजेपी ने चुनावी अखाड़े में एक नया दांव खेल दिया है. भाजपा ने मंगलवार यानी 20 अगस्त, 2024 को पूर्व पार्टी महासचिव राम माधव (Ram Madhav) को जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख पदाधिकारी भी हैं. राम माधव के साथ ये जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी को भी मिली है.
राम माधव के लिए जम्मू-कश्मीर की राजनीति नई नहीं है. उनके लिए ये राज्य में वापसी है. उन्होंने इससे पहले भी भाजपा की ओर से राज्य को संभाला था और 2015 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के साथ भाजपा की गठबंधन सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस गठबंधन सरकार में मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे और बीजेपी को उपमुख्यमंत्री का पद मिला था.
राम माधव के अनुभव का पार्टी को मिलेगा फायदा
पार्टी की ओर से जारीबयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने माधव और रेड्डी को जम्मू-कश्मीर के चुनाव प्रभारी के रूप में नियुक्त किया है और यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी. वहीं मिली जानकारी के मुताबिक, राम माधव की वापसी को लेकर बीजेपी के शीर्ष नेताओं में चर्चा तेज थी. नेताओं की सलाह थी कि जम्मू-कश्मीर में उनके अनुभव का पार्टी को फायदा उठाना चाहिए.
370 निरस्त के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में 370 निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. ये चुनाव तीन चरण में होंगे. 90 विधानसभा सीटों के लिए 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. जिसकी गिनती 4 अक्तूबर को होने वाली है. पहले चरण में 24 सीटों पर जबकि दूसरे 26 और तीसरे चरण में 40 सीटों पर मतदान होगा.
जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 के नवंबर-दिसंबर में पांच चरणों में हुआ था. इस वक्त लद्दाख भी जम्मू-कश्मीर का हिस्सा हुआ करता था और दोनों एक ही राज्म में आते थे. फिलहाल दोनों केंद्र शासित प्रदेश हैं.
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