'ये नागरिकों की आकांक्षाएं हैं', विकसित भारत 2047 मिशन पर लाल किले से PM Modi, किसानों को लेकर कह दी ये बात
Independence Day 2024:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. यह प्रधानमंत्री का अपने तीसरे कार्यकाल का पहला स्वतंत्रता दिवस संबोधन है. पीएम मोदी ने कहा कि 'विकसित भारत 2047' केवल शब्द नहीं हैं, वे 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प हैं.
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Independence Day 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 78वें स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर लाल किले पर 11वीं बार ध्वजारोहण किया. इसी के साथ वह राष्ट्र को संबोधित भी कर रहे हैं. उन्होंने विकसित भारत 2047 (Viksit Bharat 2047) मिशन को लेकर कई बातें देश के सामने रखी है. पीएम मोदी ने देश से आह्वान भी किया कि विकसित भारत के लिए सभी को एक साथ आना होगा. उन्होंने किसान को देश निर्माण में योगदान पर कहा कि भारतीय किसानों के मोटे अनाज को दुनिया के हर खाने की मेज तक पहुंचाना होगा. देश के किसानों को मजबूत करना होगा.
लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा, "विकसित भारत 2047 के लिए हमने देशवासियों से सुझाव मांगे थे. हमें मिले कई सुझाव हमारे नागरिकों के सपनों और आकांक्षाओं को दर्शाते हैं. कुछ लोगों ने भारत को कौशल की राजधानी बनाने का सुझाव दिया, कुछ ने कहा कि भारत को विनिर्माण केंद्र बनाया जाना चाहिए और देश को आत्मनिर्भर बनना चाहिए. शासन और न्याय प्रणाली में सुधार, ग्रीनफील्ड शहरों का निर्माण, क्षमता निर्माण, भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन - ये नागरिकों की आकांक्षाएं हैं. जब देश के लोगों के पास इतने बड़े सपने होते हैं, तो यह हमारे आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों पर ले जाता है और हम अधिक दृढ़निश्चयी बनते हैं."
140 करोड़ लोग भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे -पीएम मोदी
लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर 40 करोड़ लोग गुलामी की बेड़ियां तोड़कर आजादी हासिल कर सकते हैं, तो उसी भावना के साथ 140 करोड़ लोग भारत को विकसित राष्ट्र बना सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा कि मध्यम वर्ग देश को बहुत कुछ देता है और गुणवत्तापूर्ण जीवन की अपेक्षा करता है. हमारा प्रयास उनके जीवन में न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप सुनिश्चित करना होगा. पीएम मोदी ने कहा कि हमने 'वोकल फॉर लोकल' का मंत्र दिया. आज मुझे खुशी है कि वोकल फॉर लोकल आज आर्थिक व्यवस्था का नया मंत्र बन गया है.