BREAKING:
पाकिस्तानी सेना का एक डॉक्टर कैसे बन गया आतंकवादी... कहानी 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की       तुरंत अपने देश लौट जाओ, वरना... प्रेसिडेंट ट्रम्प ने विदेशी आतंकवादियों को देश छोड़ने का दे दिया अल्टीमेटम, अब लॉरेंस गैंग से लेकर खालिस्तानी आतंकियों की खैर नहीं       अमेरिका अब चीन पर लगा रहा है 104% टैरिफ, ड्रैगन और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर कैसे होगा इसका असर?       साल 2000 जैसे पूर्वोत्तर में विनाशकारी 'वाटर बम'... BJP संसद ने बताया- तिब्बत में चीन का 'ग्रेट बेंड डैम' भारत के लिए कितना खतरनाक?       अल्लाह ने मुझे किसी मकसद से रखा जिंदा... शेख हसीना ने समर्थकों से कहा-मैं आ रही हूं       Lyrid Meteor Shower 2025: 22 अप्रैल की रात आसमान होगा साफ, तारों की होगी झमाझम बारिश       बॉलीवुड के 'जंपिंग जैक'! जीतेन्द्र की ब्लॉकबस्टर फिल्में, जो आपको बना देगी दीवाना       'अमेरिका में 2026 में हो सकते हैं राजनीति 'खून-खराबे', डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थक ने ही क्यों कह दी ये बात?       Rasam Recipes: क्या आपने खाया मसालेदार करी पत्ता रसम? यहां देखिए इसकी रेसिपी और जल्द करें टेस्ट       UCC से मुस्लिम महिलाओं को मिलेगा उनका हक... कर्नाटक हाई कोर्ट ने समान नागरिक संहिता के लिए मोदी सरकार से कर दी ये अपील      

'Rahul Gandhi ने ब्रिटिश फर्म में किया है काम' हिंडनबर्ग का समर्थन कांग्रेस को पडा भारी, बीजेपी ने पूछा- हमेशा विदेशी कंपनियों के साथ क्यों होती है खड़ी?

Hindenburg 2.0: शनिवार को हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच के खिलाफ एक नया आरोप लगाया. जिसमें कहा गया कि उनके और उनके पति के पास अज्ञात ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी थी, जिसका कथित तौर पर अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किया गया था.

Hindenburg 2.0: हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) के खिलाफ रिपोर्ट जारी किया है, जिसमें कहा गया कि माधबी और उनके पति की अडानी (Adani Group) धन हेराफेरी घोटाले में इस्तेमाल की गई दोनों अज्ञात विदेशी संस्थाओं में हिस्सेदारी थी. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के माधबी के खिलाफ लगाए गए आरोप का समर्थन करने के लिए कांग्रेस (Congress) पर हमला किया है. 

भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi) ने कांग्रेस से पूछा कि वह हमेशा उन विदेशी कंपनियों के साथ क्यों खड़ी होती है जो भारत में आर्थिक अराजकता पैदा करना चाहती हैं. सुधांशु ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों से, जब भी संसद सत्र शुरू होता है, एक विदेशी रिपोर्ट जारी की जाती है. संसद सत्र से ठीक पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री जारी की गई थी. संसद सत्र से ठीक पहले जनवरी में अडानी समूह के खिलाफ हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आई थी. ये सभी घटनाक्रम संसद सत्र के दौरान होते हैं.' 

इस तरह आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास भारत के प्रत्येक संसद सत्र के दौरान अस्थिरता और अराजकता पैदा करने के लिए विदेश से कुछ संबंध हैं.

राहुल गांधी ने ब्रिटिश फर्म बैकऑप्स में किया है काम -सुधांशु  त्रिवेदी

सुधांशु  त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi on Rahul Gnadhi) ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'कांग्रेस पिछले 30-40 सालों से हमेशा विदेशी कंपनियों के साथ क्यों खड़ी रही है? वह यूनियन कार्बाइड के साथ क्यों खड़ी रही? उसने वॉरेन एंडरसन को भारत से भागने में मदद की. बोफोर्स के साथ कौन खड़ा था? कांग्रेस. अगस्ता वेस्टलैंड के साथ कौन खड़ा था? कांग्रेस. बीबीसी के साथ कांग्रेस, हिंडनबर्ग के साथ कांग्रेस. मैं कहूंगा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ब्रिटिश फर्म बैकऑप्स में भी काम किया है.'

राहुल गांधी ने भारत में लोकतंत्र बहाल के लिए अमेरिका और यूरोप से की थी गुजारिश

सुधांशु त्रिवेदी ने ब्रिटेन में राहुल गांधी की टिप्पणियों का भी जिक्र किया. जिसमें उन्होंने भारत में लोकतंत्र बहाल करने के लिए अमेरिका और यूरोप के हस्तक्षेप की मांग की थी. उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी विदेशी देशों से हर तरह के समर्थन की उम्मीद करते हैं. वह विदेश जाते हैं और विदेशी देशों का हस्तक्षेप चाहते हैं. विपक्षी दल भारत में आर्थिक अराजकता पैदा करना चाहते हैं. चाहे वह सरकारी कंपनियां हों या निजी फर्म - उन्होंने एलआईसी और एचएएल पर हमला किया. अब वह सेबी पर हमला कर रहे हैं.'

राहुल गांधी बैकऑप्स यूके के थे संस्थापक निदेशक

बिजनेस टुडे ने अपने रिपोर्ट में खुलासा किया था कि राहुल गांधी और उलरिक मैकनाइट बैकऑप्स यूके के संस्थापक निदेशक थे, जहां जून 2005 तक गांधी के पास 65 फीसदी शेयर थे और मैकनाइट के पास 35 फीसदी शेयर थे. यह कंपनी फरवरी 2009 में भंग कर दी गई थी. 

सेबी प्रमुख के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के जरिए कांग्रेस ने की जांच की मांग

हिंडनबर्ग रिसर्च का सेबी प्रमुख के खिलाफ रिपोर्ट आते ही कांग्रेस ने तुरंत ही मांग की कि केंद्र सरकार अडानी समूह की सेबी की जांच में सभी हितों के टकराव को खत्म करने के लिए तुरंत कदम उठाए. विपक्षी दल ने यह भी कहा, 'देश के सर्वोच्च अधिकारियों की कथित मिलीभगत का समाधान केवल घोटाले के पूरे दायरे की जांच करने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करके ही किया जा सकता है.'

ये भी देखिए: Hindenburg 2.0 पर भारत एकजूट, 'थोड़ा ज्यादा हो गया', जानिए रिपोर्ट पर किसने क्या कहा