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NDA ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, बिना नीतीश-नायडू के भी बन सकती थी मोदी सरकार, जानिए कैसे?

नीतीश और नायडू इस बार सरकार में अहम भूमिका के लिए तैयार हैं, लेकिन आपका ये जानना भी जरूरी है कि अगर दोनों ने एनडीए का साथ छोड़ा तो क्या मोदी सरकार बन पाएगी?

लोकसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद NDA अब सरकार बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. इसी के साथ राष्ट्रपति को समर्थक सांसदों की लिस्ट सौंपी गई है. नरेंद्र मोदी आज शाम  6 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे.

उम्मीद है कि 9 जून पीएम मोदी तीसरी बार देश के नए पीएम के तौर पर शपथ लेंगे. सरकार के इस गठन में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की बड़ी भूमिका मानी जा रही है. तो आईए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे बिना नीतीश-नायडू के भी सरकार बनाई जा सकती थी. 

सहयोगियों की बदौलत बीजेपी 272 के बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है. इसमें नायडू की टीडीपी और नीतीश की जेडीयू मिलाकर 28 सीटें जीत चुकी है. वहीं दोनों ही सहयोगी को लेकर कई बातें भी चल रही थी. लोकसभा की कुल 543 सीटों में से अकेले बीजेपी के पास 240 हैं. एनडीए के पास 294 सीटों के साथ बहुमत में है.

अब अगर सिर्फ चंद्रबाबू नायडू साथ छोड़ते हैं, तब भी एनडीए का आंकड़ा 278 का होगा, जो बहुमत से 6 अधिक है. अब अगर नीतीश कुमार भी साथ छोड़ ही देतें हैं, तब एनडीए का आंकड़ा होगा 266 और ये आंकड़ा बहुमत से 6 कम है.

हालांकि अब सरकार अपने गठन की ओर बढ़ रही है, लेकिन मान लेते हैं कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार दोनों ने ही बीजेपी का साथ छोड़ दिया है. तब भी एनडीए के पास 266 का आंकड़ा है, जो बहुमत से महज 6 कम है और इन 6 सीटों की भरपाई तो बीजेपी कुछ छोटे दलों और निर्दलीय सांसदों के साथ मिलकर कर सकती है. इस चुनाव में कुल सात निर्दलीय सांसदों ने जीत दर्ज की है. इस तरह बीजेपी अभी भी एक ताकतवर पार्टी के रुप में काम कर रहा है. 

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