Budget 2024: बजट पेश करने जा रही है मोदी सरकार, जानिए क्या हो सकता है खास? इनटैक्स को लेकर है ये उम्मीदें
Budget 2024: बजट 2024 के जरिए निर्मला सीतारमण का लगातार अपना सातवां बजट पेश करने वाली हैं. ये बजट निर्मला सीतारमण 23 जुलाई, 2024 को 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी. संसद में मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो चुका है.

Budget 2024: संसद में मानसून सत्र शुरू हो चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 23 जुलाई, 2024 को 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने वाली है. निर्मला सीतारमण लगातार सातवीं बार बजट प्रस्तुत करने वाली है. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सरकार ने 1959 से 1964 तक लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट प्रस्तुत किया था. जिसका रिकॉर्ड अब टूट जाएगा.
निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को सुबह 11 बजे अपना भाषण शुरू करेंगी. वह 2019 से भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में काम कर रही हैं. यह नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा. इस बजट से मिडिल क्लास और टैक्सपेयर्स को राहत मिलने की उम्मीद है.
कहां देखें बजट 2024?
बजट 2024 को लाइव वित्त मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर देखा जा सकता है. संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा, इसलिए सभी की निगाहें 23 जुलाई पर टिकी होंगी कि बजट देश की आर्थिक जरूरतों और आकांक्षाओं को किस प्रकार से पूरा करेगा. उम्मीद की जा रही है कि सरकार विकसित भारत 2047 विजन को देखते हुए बजट पेश करने वाली है.
बजट 2024 से प्रमुख उम्मीदें-
पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचा
बजट में रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय की घोषणा की जा सकती है, जिसमें सड़क मार्ग और भारतीय रेलवे पर विशेष जोर दिया जाएगा. यह देश भर में बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है.
इनकमटैक्स में राहत
कई लोग जैसे वेतनभोगी इनकम टैक्स पेयर और मिडिल क्लास इनकम टैक्स व्यवस्था में संभावित बदलावों की उम्मीद कर रहे हैं. इनकम टैक्स पेयर को 'मोदी 3.0' से कर राहत की उम्मीद है. नया इनकम टैक्स सिस्टम, जो अब डिफ़ॉल्ट व्यवस्था है, में अतिरिक्त राहत प्रदान करने के लिए समायोजन देखने को मिल सकता है. एक्सपर्ट का अनुमान है कि छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है.
ग्रामीण विकास और कृषि सहायता
बजट में ग्रामीण क्षेत्रों और कृषि के लिए बजट से उम्मीद की जा रही है. इसमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच संतुलित विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ग्रामीण बुनियादी ढांचे और कृषि पहलुओं में निवेश बढ़ाना शामिल हो सकता है.
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