कक्षा 3 से पढ़ाई जाएगी AI! भारत में 2026 से बदलेगा स्कूल सिलेबस, शिक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की है कि कक्षा 3 से ऊपर के छात्रों को 2026-27 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (CT) की पढ़ाई कराई जाएगी. CBSE, NCERT, KVS, NVS और सभी राज्यों के शिक्षा विभाग मिलकर नया पाठ्यक्रम तैयार करेंगे.
AI Education in India: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब बच्चों की स्कूल की पढ़ाई का हिस्सा बनने जा रही है. केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि कक्षा 3 से ऊपर के छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (CT) की शिक्षा दी जाएगी. शिक्षा मंत्रालय ने साफ किया है कि यह नई पढ़ाई देश के सभी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू कर दी जाएगी.
आधुनिक शिक्षा की ओर बड़ा कदम
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSE&L) ने बताया कि AI और CT को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करना आधुनिक और भविष्य तैयार शिक्षा प्रणाली की दिशा में बेहद अहम कदम है. इसके लिए CBSE, NCERT, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS), नवोदय विद्यालय समिति (NVS) और देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभाग मिलकर एक साझा व समावेशी पाठ्यक्रम तैयार करेंगे.
29 अक्टूबर 2025 को इस विषय पर एक बड़ी बैठक हुई, जिसमें CBSE, NCERT और अन्य संबंधित संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हुए. CBSE ने IIT मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमन की अध्यक्षता में एक विशेष विशेषज्ञ समिति भी गठित कर दी है, जो AI और CT का पाठ्यक्रम तैयार करेगी.
'AI शिक्षा अब एक बुनियादी कौशल'
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहा कि AI को अब एक बेसिक यूनिवर्सल स्किल की तरह देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'नीतिनिर्माताओं के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि इसका न्यूनतम मानक तय करें और समय के साथ इसकी समीक्षा करते रहें.'
संजय कुमार ने यह भी बताया कि नई शिक्षा व्यवस्था में शिक्षकों का प्रशिक्षण और बेहतर अध्ययन सामग्री तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण होगा. इसके लिए NISHTHA प्लेटफॉर्म के जरिए वीडियो आधारित लर्निंग, मॉड्यूल और अन्य संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि NCERT और CBSE के बीच समन्वय के लिए एक विशेष समिति बनाई जाएगी ताकि पाठ्यक्रम की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तुलना करना अच्छा है, लेकिन हमारा पाठ्यक्रम भारत की जरूरतों के हिसाब से होना चाहिए.'
'समय पर तैयार होगा नया पाठ्यक्रम'
जॉइंट सेक्रेटरी (I&T) प्राची पांडेय ने कहा कि समयसीमा का पालन करना बेहद जरूरी है, ताकि निर्धारित अवधि में पाठ्यक्रम और अन्य संसाधन तैयार हो सकें.
बैठक में लिए गए प्रमुख फैसले इस प्रकार रहे:
नई AI शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदु
- पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और NCF-SE 2023 के अनुरूप होगा.
- अध्ययन सामग्री, हैंडबुक और डिजिटल कंटेंट दिसंबर 2025 तक तैयार कर लिया जाएगा.
- शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम NISHTHA और अन्य संस्थानों के सहयोग से चलाए जाएंगे.
- टीचरों का प्रशिक्षण कक्षा-वार और समयबद्ध तरीके से होगा.
भविष्य की तकनीक के लिए बच्चों को तैयार करने का प्रयास
नई शिक्षा पहल का उद्देश्य केवल टेक्नोलॉजी सीखाना नहीं, बल्कि बच्चों में क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, प्रॉब्लम सॉल्विंग और एथिकल टेक्नोलॉजी यूज़ की समझ विकसित करना है. सरकार का विज़न 'AI for Public Good' के सिद्धांत पर आधारित है, यानी AI का उपयोग जनहित और समाज कल्याण के लिए हो.
भारत में AI को शुरुआती उम्र से पढ़ाने का यह कदम छात्रों को भविष्य की तकनीक से जोड़ने, रोजगार कौशल बढ़ाने और ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
ये भी देखिए:
क्या आपके प्राइवेट फोटोज हो रहे हैं ऑनलाइन लीक? अब इसे खूद रोकेगा Google, जानिए कैसे |








