क्या सच में 2 अगस्त को पूरी दुनिया भर में छा जाएगा अंधेरा? वायरल दावे की पड़ताल में निकला सच
सोशल मीडिया पर वायरल दावा है कि 2 अगस्त को पूरी दुनिया में 6 मिनट तक अंधेरा छा जाएगा, लेकिन ये पूरी तरह फर्जी है. असल में यह दावा 2 अगस्त 2027 को लगने वाले सूर्यग्रहण से जुड़ी गलत जानकारी पर आधारित है.

August 2 Solar Eclipse: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक हैरान करने वाला दावा वायरल हो रहा है. कहा जा रहा है कि 2 अगस्त को पूरी दुनिया में करीब 6 मिनट 22 सेकंड तक अंधेरा छा जाएगा। इसकी वजह बताई जा रही है एक सदी में एक बार होने वाला सूर्यग्रहण, जिसमें चांद सूरज को पूरी तरह ढक लेगा और धरती पर रात जैसा अंधेरा छा जाएगा.
लेकिन क्या वाकई ऐसा कुछ होने वाला है? क्या सच में पूरी दुनिया में सूरज गायब हो जाएगा? आइए जानें इसकी सच्चाई...
सच क्या है?
यह दावा पूरी तरह झूठा है. असल में इस बात की जड़ें 2 अगस्त 2027 को लगने वाले सूर्यग्रहण से जुड़ी हैं, न कि 2025 से. यह जरूर सच है कि 2 अगस्त 2027 को एक असाधारण सूर्यग्रहण होने वाला है, जिसे इस सदी का सबसे लंबा सूर्यग्रहण माना जा रहा है. लेकिन यह भी पूरी धरती पर एकसाथ नहीं दिखेगा, बल्कि केवल कुछ खास देशों में ही दिखाई देगा.
2027 का सूर्यग्रहण: क्या है खास
स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, 2027 का सूर्यग्रहण 21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, जो लगभग 6 मिनट 22 सेकंड तक चलेगा. यह अंधकार सिर्फ उन क्षेत्रों में दिखाई देगा जो इस सूर्यग्रहण की पाथ ऑफ टोटैलिटी यानी पूर्ण ग्रहण की पट्टी में होंगे.
यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के 11 देशों में दिखाई देगा, जिनमें शामिल हैं:
- सोमालिया
- लीबिया
- स्पेन
- मोरक्को
- अल्जीरिया
- ट्यूनीशिया
- सऊदी अरब
- यमन
- मिस्र
- सूडान
- जिब्राल्टर
इन देशों में सूर्यग्रहण का पूरा नज़ारा देखा जा सकेगा, लेकिन पूरी दुनिया पर इसका कोई असर नहीं होगा. इसके अलावा, कुछ देशों में केवल आंशिक सूर्यग्रहण ही दिखाई देगा.
कब हुआ था पिछला लंबा सूर्यग्रहण?
2024 में अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको में एक लंबा सूर्यग्रहण देखा गया था, जो 4 मिनट से अधिक समय तक चला था. इसके बाद अब अगला बड़ा मौका 2027 में आ रहा है. इसके बाद इतना लंबा सूर्यग्रहण 2114 में यानी 87 साल बाद आएगा.
2 अगस्त 2025 को कोई ऐसा सूर्यग्रहण नहीं लगने वाला है जो पूरी धरती पर अंधकार फैला दे। जो दावा किया जा रहा है, वह 2027 की खगोलीय घटना को लेकर गलत जानकारी फैलाने की कोशिश है.
तो सोशल मीडिया के झांसे में न आएं, ऐसी खबरें शेयर करने से पहले उनकी सत्यता जरूर जांचें. खगोल विज्ञान की घटनाएं दिलचस्प जरूर होती हैं, लेकिन उनके नाम पर अफवाह फैलाना बेवजह डर और भ्रम पैदा करता है.
ये भी देखिए: लापरवाही या भ्रष्टाचार! बिहार में ₹70,877 करोड़ की सरकारी रकम का कोई लेखा-जोखा नहीं, पढ़िया पूरी CAG रिपोर्ट