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ब्रह्मपुत्र पर चीन का डैम या डिजास्टर? हिमंता-खांडू के बयान से खुली दो अलग-अलग चिंताएं

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा डैम बनाने की योजना पर फिलहाल चिंता जताने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र एक शक्तिशाली नदी है जो कई स्रोतों से जल प्राप्त करती है, इसलिए फिलहाल कोई तात्कालिक खतरा नहीं है.

China Brahmaputra Dam 2025: चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) पर दुनिया की सबसे बड़ी हाइड्रोपावर डैम बनाने की योजना को लेकर देश में चिंता का माहौल है, लेकिन असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस पर फिलहाल कोई तत्काल खतरा नहीं होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र एक विशाल और ताकतवर नदी है जो किसी एक जलस्रोत पर निर्भर नहीं है.

गुवाहाटी में मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, 'मैं फिलहाल इस डैम को लेकर चिंतित नहीं हूं क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी कई जल स्रोतों से मिलकर बहती है. इसमें भूटान, अरुणाचल प्रदेश और असम की वर्षा का भी योगदान है.'

चीन का 167.8 अरब डॉलर का मेगा प्रोजेक्ट

चीन ने हाल ही में $167.8 अरब डॉलर के इस मेगा प्रोजेक्ट की आधिकारिक शुरुआत की है. यह डैम तिब्बत में अरुणाचल प्रदेश सीमा के पास बनाया जा रहा है. यह पांच चरणों वाला पनबिजली प्रोजेक्ट है, जो हर साल 300 अरब यूनिट (kWh) बिजली पैदा करेगा – यानी 30 करोड़ से ज्यादा लोगों को बिजली मिल सकती है. यह चीन की मशहूर Three Gorges Dam से भी बड़ा होगा.

परिणामों पर वैज्ञानिक मतभेद

मुख्यमंत्री सरमा ने स्वीकार किया कि इस डैम का प्रभाव फिलहाल स्पष्ट नहीं है क्योंकि वैज्ञानिकों की राय इसमें बंटी हुई है. 

उन्होंने कहा, 'अगर चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र के प्रवाह में बदलाव होता है तो पानी की मात्रा घट सकती है, जिससे जैव विविधता पर असर पड़ेगा. लेकिन एक मत यह भी है कि पानी कम आने से बाढ़ की तीव्रता कम हो सकती है। तो, सच क्या है ये कहना मुश्किल है.'

उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस पूरे मुद्दे पर भारत सरकार बेहतर स्थिति में है, जो चीन से इस पर बातचीत कर रही है या करेगी.

CM पेमा खांडू ने जताई गंभीर चिंता

इस मुद्दे पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू पहले ही चीन की मंशा पर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने चीन के डैम को टिक-टिक करती पानी की बम (Water Bomb) बताया था और इसे देश के लिए सैन्य खतरे से भी बड़ा खतरा करार दिया था.

खांडू ने PTI को दिए बयान में कहा, 'चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. कोई नहीं जानता कि वे आगे क्या करेंगे.'

भारत भी बना रहा डैम, बातचीत जारी

गौरतलब है कि भारत भी अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र पर एक डैम बना रहा है. भारत और चीन के बीच ELM (Expert Level Mechanism) के तहत ट्रांस-बॉर्डर नदी डेटा साझा करने को लेकर बातचीत चल रही है.

ब्रह्मपुत्र का भौगोलिक महत्व

ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में Yarlung Zangbo कहा जाता है। यह नदी दुनिया के सबसे अधिक भूकंप संभावित और भारी वर्षा वाले क्षेत्रों से होकर बहती है. यह अरुणाचल में प्रवेश करने से पहले यू-टर्न लेती है और फिर असम से गुजरती है.

हालांकि चीन के डैम प्रोजेक्ट को लेकर क्षेत्रीय नेता अलग-अलग राय रखते हैं, लेकिन फिलहाल असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा इस मुद्दे पर घबराने की जरूरत नहीं मानते. अब सबकी नजर केंद्र सरकार और चीन के बीच होने वाली आगे की बातचीत पर टिकी है.

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