Gold Price: क्या सोने की कीमतों में आनी वाली है गिरावट? जानिए इनवेस्टर्स और खुदरा खरीदारों को क्या करना चाहिए
Gold Price: सोने की कीमतों में हाल ही में तेज़ गिरावट देखी गई है. अप्रैल 2025 में ₹99,358/10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर से अब तक सोना करीब 7% गिरकर ₹92,000 के करीब पहुंच गया है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर तकनीकी और वैश्विक आर्थिक स्थितियां इसी तरह बनी रहीं, तो सोना ₹88,000 तक गिर सकता है.हालांकि, लॉन्ग टर्म में गोल्ड की डिमांड और वैल्यू बनी रहने की उम्मीद है. निवेशकों को सतर्कता से काम लेते हुए डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाए रखना चाहिए.

Gold Price: जियो-पॉलिटिक्स के उथल-पुथल की वजह सोने की कीमतों में इन दिनों में उम्मीद से अधिक उछाल देखने को मिली. सोने के कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक चली गई. इसके साथ ही लोगों की नजर अब इसकी कीमतों में गिरावट पर है कि कब कम हो और लोग खरीदारी करें... इसके साथ ही इनवेस्टर्स भी इस ताक में हैं कि कब सोना को बेचा जाए... ताकि वो इससे मुनाफा कमा सके.
सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जो MCX पर 22 अप्रैल को दर्ज किए गए 99,358 रुपये प्रति 10 ग्राम के हाई प्वाइंट से लगभग 7% कम है. लेकिन सोने की कीमतें किस ओर जा रही हैं और अगर सोने की कीमत 88,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिरती है तो इनवेस्टर्स को क्या करना चाहिए?
क्या सोने की कीमतें 88,000 रुपये तक गिरेंगी?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि चल रहे जियो-पॉलिटिक्स मुद्दों और बाजार की मांग में कमी के कारण सोने की कीमतों पर काफी दबाव है. विश्लेषण के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच चर्चा की गति में मंदी और उम्मीद से कम अमेरिकी डेटा के कारण निवेशक सुरक्षित-संपत्तियों की ओर वापस लौटते दिखाई दिए, जिससे सोने की कीमतें अपने इंट्राडे निचले स्तर से लगभग $100 (1,500 रुपये) ऊपर उछल गईं.
चूंकि सोने की कीमतों ने $3200 के डबल-टॉप नेकलाइन समर्थन को तोड़ दिया है, इसलिए कुछ समय के लिए ही ही कीमतों में $3000-50 (87,000 - 88,000 रुपये) तक और गिरावट की उम्मीद है. विश्लेषण से सोने के तकनीकी मूल्यांकन में भारी गिरावट का जोखिम दिखाई देता है. इसलिए इनवेस्टर्स को सोच समझकर कदम उठाने की जरूरत है.
मीडिया रिपोर्ट कहती है कि भारतीय सोने के लिए 92,000 रुपये/10 ग्राम पर समर्थन और 94,000 रुपये/10 ग्राम पर प्रतिरोध स्थापित करती है. इस सीमित व्यापारिक सीमा के बावजूद, समग्र बाजार भावना संभावित मूल्य कटौती का संकेत देती है.
(NOTE: ये जानकारी मीडिया रिपोर्ट और एक्सपर्ट्स की राय पर आधारित है. इसलिए इस पर कदम उठाने से पहले एक्सपर्ट्स से उचित राय ले लें. KhabarPodcast इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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