कोर्ट ने मंगाया गुलाब, फिर हुआ मोहब्बत का इजहार और अब शादी का इंतजार... जानिए रेप केस में लड़के की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने कैसे किया सस्पेंड
Supreme Court On Rape case: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक रेप केस में दोषी ठहराए गए युवक की 10 साल की सजा को सस्पेंड कर दिया है. यह फैसला उस वक्त आया जब आरोपी युवक और पीड़िता दोनों ने कोर्ट के सामने आपसी सहमति से एक-दूसरे से शादी करने की इच्छा जताई.

Supreme Court On Rape case: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक रेप केस में दोषी ठहराए गए युवक की 10 साल की सजा को सस्पेंड कर दिया है. यह फैसला उस वक्त आया जब आरोपी युवक और पीड़िता दोनों ने कोर्ट के सामने आपसी सहमति से एक-दूसरे से शादी करने की इच्छा जताई.
जस्टिस बी. वी. नागरत्ना और जस्टिस एस. सी. शर्मा की पीठ ने इस मामले को बेहद संवेदनशील मानते हुए, दोनों पक्षों को आपसी संवाद का अवसर दिया. खास बात यह रही कि कोर्ट ने खुद ही दोनों के लिए फूलों का इंतज़ाम किया और कोर्ट में ही उनका फूलों को एक्सचेंज करवाया.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया, 'मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हमने दोनों पक्षों, उनके माता-पिता, एडवोकेट्स और राज्य सरकार के स्टैंडिंग काउंसल को चेंबर में उपस्थित होने के निर्देश दिए. उन्होंने पूर्वाह्न सत्र में हमारे समक्ष चेंबर में उपस्थिति दर्ज कराई. हमने सभी को सुना.'
कोर्ट ने आगे कहा, 'इसके बाद हमने इस मामले को कुछ समय के लिए टाल दिया ताकि दोनों पक्ष आपस में संवाद कर सकें और अदालत को यह जानकारी दे सकें कि वे एक-दूसरे से सगाई और विवाह के लिए इच्छुक हैं या नहीं... दोपहर के सत्र में जब दोबारा मामले को बुलाया गया तो याचिकाकर्ता और उत्तरदाता क्रमांक 2 (महिला) ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे विवाह के लिए तैयार हैं.'
परिवार तय करेगा शादी की तारीख
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवाह की औपचारिकताएं और तारीख दोनों पक्षों के माता-पिता आपसी सहमति से तय करेंगे. कोर्ट ने उम्मीद जताई कि विवाह जल्द से जल्द संपन्न होगा.
सेशंस कोर्ट करेगा जमानत पर विचार
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आरोपी युवक को फिलहाल जेल वापस भेजा जाएगा और उसे संबंधित सेशंस कोर्ट में पेश किया जाएगा, जो उचित शर्तों के साथ उसे जमानत देने पर विचार करेगा.
फेसबुक पर हुई थी दोस्ती, 5 साल तक रहे संबंध
प्रोसीक्यूशन के अनुसार, युवक और युवती की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी. साल 2016 से 2021 के बीच दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने. महिला का आरोप था कि युवक ने उससे शादी का झांसा दिया और बाद में मुकर गया, जिसके चलते उसके खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज किया गया और उसे दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई गई.
हाईकोर्ट से राहत न मिलने पर पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले, 5 सितंबर 2024 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने आरोपी की आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 389(1) के तहत सजा निलंबन की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद युवक ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
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