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कोई भी ट्रेड डील दोनों के लिए... ट्रम्प के दावों पर जयशंकर का करारा जवाब, US-भारत के बीच कितना जरूरी है व्यापार समझौता?

𝐒 𝐉𝐚𝐢𝐬𝐡𝐚𝐧𝐤𝐚𝐫 𝐑𝐞𝐩𝐥𝐲 𝐃𝐨𝐧𝐚𝐥𝐝 𝐓𝐫𝐮𝐦𝐩: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ किया है कि अमेरिका के साथ फिलहाल कोई व्यापार समझौता तय नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जब तक सारी बातें तय नहीं होतीं, तब तक कुछ भी तय नहीं माना जा सकता. उनका यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने अमेरिका को '𝐙𝐞𝐫𝐨 𝐓𝐚𝐫𝐢𝐟𝐟' व्यापार डील की पेशकश की है.

India-America Trade Deal: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि फिलहाल दोनों देशों के बीच कोई व्यापार समझौता तय नहीं हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'ज़ीरो टैरिफ डील' दावे के बाद जयशंकर का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है.

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में विदेश मंत्री ने कहा, 'भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताएं चल रही हैं. ये जटिल बातचीत होती हैं. जब तक सब कुछ तय नहीं होता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता... कोई भी व्यापार समझौता तभी स्वीकार्य होता है जब वह दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो. हमारी यही अपेक्षा है. जब तक यह नहीं हो जाता, किसी भी प्रकार की टिप्पणी करना जल्दबाज़ी होगी.'

डोनाल्ड ट्रम्प का दावा

जयशंकर का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने अमेरिका को ज़ीरो टैरिफ डील ऑफर की है. इससे पहले 30 अप्रैल को मिशिगन में एक इवेंट के दौरान ट्रंप ने कहा था कि भारत के साथ टैरिफ पर बातचीत शानदार चल रही है, जल्द डील हो सकती है. 

बढ़ते भारत से खौफ खाता अमेरका

ट्रंप ने यह भी कहा था कि उन्होंने Apple के CEO टिम कुक से कहा है कि वो भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट न लगाएं, जो भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों में तनाव की ओर इशारा करता है. इसे इस तरह भी देखा जा रहा है कि अमेरिका भारत की बढ़ती ताकत को देखकर खौफ खा रहा है. यही कारण है कि Apple जैसी मल्टिनेशनल कंपनी को भारत में आने से रोक चाहता है. 

पाकिस्तान पर भारत ने किया खुद के हथियार का उपयोग

पाकिस्तान की हेंकड़ी निकालने के लिए भारत ने आकाश और ब्रह्मोस जैसे स्वदेशी हथियार का उपयोग किया और दुश्मन के छक्के छूड़ा दिए. ये देख दुनिया को हथियार बेचने का रवैया रखने वाला अमेरिका भारत से खौफ खाने लगा है... युद्ध विराम का क्रेडिट भी ट्रम्प जबरदस्ती लेने लगे. 

भारत-अमेरिका ट्रेड डील में कहां अटकी बात?

भारत और अमेरिका के बीच बीते कई वर्षों से टैरिफ और मार्केट एक्सेस को लेकर बातचीत जारी है. अमेरिका ने कई देशों पर एकतरफा शुल्क (tariff) लगाया था, जिससे भारत भी प्रभावित हुआ. इसके बाद भारत ने अमेरिका से पूरी तरह छूट (exemption) की मांग की है—वर्तमान और भविष्य के सभी टैरिफ से...

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने अमेरिका के साथ औसत टैरिफ अंतर को 13% से घटाकर 4% करने का प्रस्ताव दिया है. यह भारत की ओर से अब तक का सबसे बड़ा क़दम माना जा रहा है ताकि वह अपनी व्यापार नीति को वैश्विक मानकों के अनुरूप बना सके.

लेकिन इसके बदले भारत चाहता है कि अमेरिका उसे भविष्य में टैरिफ बढ़ाने से भी पूरी छूट दे—जो अब तक अमेरिका ने ब्रिटेन जैसे करीबी सहयोगी को भी नहीं दी है. 

क्यों महत्वपूर्ण है भारत-अमेरिका ट्रेड डील?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध वैश्विक स्तर पर बेहद अहम हैं... अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. भारत चाहता है कि तकनीक, मेडिकल डिवाइसेज़, फार्मा और कृषि उत्पादों में बाजार पहुंच (Market Access) को और बढ़ाया जाए. दोनों देश टैरिफ, डेटा ट्रांसफर, डिजिटल ट्रेड जैसे मुद्दों पर एक-दूसरे से तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहे हैं.

ट्रेड डील क्या हो सकता है असर?

अगर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता सफलतापूर्वक हो जाता है, तो दोनो देशों के लिए आयात-निर्यात में भारी बढ़ोतरी हो सकती है. मल्टीनेशनल कंपनियों जैसे Apple को भारत में निवेश करने का भरोसा मिलेगा. 

अमेरिका के लिए भारत एक वैकल्पिक सप्लाई चेन हब बन सकता है, खासकर चीन को पीछे छोड़ने की रणनीति में... लेकिन अगर बातचीत टूटती है या अमेरिका 'zero tariff' की मांग को ज़ोर देकर थोपता है, तो यह भारत की घरेलू कंपनियों के लिए खतरा बन सकता है.

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