BREAKING:
टिफ़नी फ़ॉन्ग कौन हैं, जिससे एलन मस्क के 15वें बच्चे को पैदा करने से किया इनकार? अब पड़ रहा है मंहगा       बेंगलुरु के शख्स ने 50 करोड़ में खरीदा 'Okami', अब ED पड़ी पीछे, क्या है इस अमेरिकी वुल्फडॉग की खासियत?       10,000 लोग, गंदी भाषा, घातक हथियार, बेकाबू भीड़... हिंसा के दिन मुर्शिदाबाद में क्या हुआ था? रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे       क्या आप भी BluSmart पर नहीं कर पा रहे Cab Booking? जानिए SEBI ने बड़े घोटाले पर कैसे लिया एक्शन       3 महीनों में 25 लोगों की गई जान, पहाड़ों के बीच मेघालय का खूबसूरत हाईवे बन रहा मौत का कुआं       इंस्टाग्राम पर दोस्ती, अफेयर, पकड़ी गई आशिकी और फिर पति का कत्ल... यूट्यूबर रविना और सुरेश की खौफनाक कहानी       क्या अब दिल्ली की सड़कों पर नहीं दिखेगा CNG ऑटोरिक्शा? परिवहन मंत्री ने बताई सच्चाई, नई EV नीति का समझिए पूरा गणित       दिल्ली में कांग्रेस-RJD की बैठक से बिहार चुनाव में किस ओर मुड़ेगा INDIA Bloc का रास्ता? जानिए मीटिंग में क्या खास       सीमा पार से आए लोगों ने किया मुर्शिदाबाद हिंसा... TMC नेता कुणाल घोष का बड़ा बयान- बांग्लादेशी स्टाइल में हुए हमले       NDA से वफादारी के बदले मिला अन्याय... चिराग के चाचा पशुपति पारस का छलका दर्द, बिहार चुनाव को लेकर बताया अपना मास्टरप्लान      

'महाभियोग चलाएं...तबादला बर्दाश्त नहीं', जस्टिस यशवंत वर्मा से इतना क्यों नाराज इलाहाबाद HC बार एसोसिएशन?

Delhi HC judge Yashwant Varma: इलाहाबाद हई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली हाई कोर्ट से ट्रांसफर का लगातार विरोध कर रहा है. एसोसिएशन कह चुका है कि इलाहाबाद हई कोर्ट कोई 'डस्टबिन' नहीं है. ऐसे में एसोसिएशन ने न्यायिक नियुक्ति प्रणाली की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए CBI और ED जांच की मांग की और महाभियोग की कार्यवाही की मांग की.

Delhi HC judge Yashwant Varma: दिल्ली हाई कोर्ट जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है. उनके घर में आग लगना, कैश का मिलना और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का उनका इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर होने का आदेश देना कई संशय उत्पन्न करता है. वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर का जमकर विरोध किया है, साथ ही न्यायिक नियुक्ति प्रणाली की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है. 

प्रयागराज में सोमवार को आम सभा की बैठक के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने इसका विरोध किया. उनके जस्टिस वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा, 'हमने 11 प्रस्ताव पारित किए हैं. सबसे पहले, हम किसी भी परिस्थिति में जस्टिस यशवंत वर्मा यहां ट्रांसफर बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह आज नहीं हुआ और न ही भविष्य में ऐसा होना चाहिए.' उन्होंने आगे CJI से जांच एजेंसियों सीबीआई और ईडी को कार्रवाई करने का आदेश देने की अपील की. उन्होंने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही की भी मांग की. 

जस्टिस वर्मा से इतना क्यों खफा है इलाहाबाद HC बार एसोसिएशन?

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर भारी मात्रा में कैश का मिलना और  इलाहाबाद HC बार एसोसिएशन का उन्हें किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करना लोगों के बीच कई सवाल खड़े करता है. यशवंत वर्मा का नाम 2018 में एक चीनी मिल धोखाधड़ी मामले में CBI के दर्ज की गई FIR में दर्ज किया गया था. वह सिंभावली शुगर मिल्स के गैर-कार्यकारी निदेशक थे, जिस पर ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था. 

हालांकि, बाद में  इलाहाबाद HC के आदेश को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ मामला चलाने पर मना कर दिया. ये सब उनके इलाहाबाद HC में जज रहते हुआ था. उन्हें अक्टूबर 2014 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में एडिशनल जज बनाया गया था. इसके बाद अक्टूबर 2021 में उनका दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया था.

ये सारे प्रकरण ये इशारा करते हैं कि जस्टिस वर्मा छवि इलाहाबाद HC में ठीक नहीं हो सकती हैं. उनके ट्रांसफर को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के कई वकीलों ने भी आपत्ति जताई है. इलाहाबाद HC बार एसोसिएशन ने तो यहां तक कह दिया है कि ये कई 'डस्टबिन' नहीं है, जो किसी का भी यहां ट्रांसफर कर दिया जाए. एसोसिएशन ने इस फ़ैसले को न्यायिक नियुक्ति और तबादला प्रणाली के बारे में व्यापक चिंताओं से जोड़ा, और तर्क दिया कि इसने कानून के शासन में जनता का विश्वास कमज़ोर किया है. 

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने ट्रांसफर का दिया प्रस्ताव

CJI संजीव खन्ना की अगुआई में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 4 सीनियर जज के साथ मिलकर एक प्रस्ताव जारी किया, जिसमें जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में वापस ट्रांसफर करने की सिफारिश की गई. कॉलेजियम ने 20 मार्च को ट्रांसफर प्रस्ताव की समीक्षा की. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ट्रांसफर का दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा नकदी बरामदगी के संबंध में शुरू की गई आंतरिक जांच से कोई संबंध नहीं है. 

ये भी देखिए: हनी ट्रैप में फंसे कर्नाटक के 48 विधायक... मंत्री केएन राजन्ना के दावे से सनसनी! बोले- पेन ड्राइव में सबकुछ, निशाने पर मैं भी