Tech Layoffs 2025: AI की आंधी में उड़ गए 61,000 टेक जॉब्स, अब इस कंपनी में होने जा रही बड़ी छंटनी
Tech Layoffs 2025: 2025 की शुरुआत से ही टेक इंडस्ट्री में भयंकर छंटनी का दौर चल रहा है. Microsoft, Google, Amazon, IBM और Bumble जैसी दिग्गज कंपनियां हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी हैं. इसके पीछे मुख्य वजह है – राजस्व में गिरावट, वैश्विक मंदी और सबसे बड़ा कारण – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बढ़ता असर.

Tech Layoffs 2025: 2025 टेक इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो रहा है. टेक्नोलॉजी की दुनिया एक बड़े बदलाव से गुजर रही है. माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेज़न, आईबीएम जैसी दिग्गज कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी हो रही है. वजह है बदलता ग्लोबल इकोनॉमिक सिनेरियो, धीमी होती रेवेन्यू ग्रोथ और सबसे अहम – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का तेज़ी से बढ़ता असर.
माइक्रोसॉफ्ट करने जा रहा बड़ा लेऑफ (microsoft layoffs)
इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि माइक्रोसॉफ्ट फिर से बड़े पैमाने पर कर्मचारियों के लेऑफ की तैयारी कर रहा है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, नवीनतम छंटनी से हजारों कर्मचारी प्रभावित होंगे, जिनमें माइक्रोसॉफ्ट के एक्सबॉक्स और ग्लोबल सेल्स डिवीजन सबसे अधिक प्रभावित होंगे.
कंपनी के प्रबंधकों का कहना है कि यह छंटनी का काफी बड़ा दौर होगा. यह कंपनी में सिर्फ़ 18 महीनों में चौथा छंटनी दौर होगा, खास तौर पर Xbox और ग्लोबल सेल्स और मार्केटिंग डिवीज़न के लिए.
61,000 से ज्यादा लोगों की गई नौकरी
Layoffs.fyi के आंकड़ों के अनुसार, साल 2025 में अब तक 130 से ज्यादा कंपनियों में 61,000 से ज्यादा टेक प्रोफेशनल्स की नौकरियां जा चुकी हैं.
माइक्रोसॉफ्ट: 6,000 कर्मचारियों की छंटनी, खासतौर पर मैनेजमेंट और Xbox डिवीजन से.
गूगल: Android, Pixel और Chrome टीमों से सैकड़ों कर्मचारियों की छुट्टी.
IBM: 8,000 से ज्यादा लोगों की नौकरी गई, मुख्यतः HR डिपार्टमेंट से.
अमेज़न: डिवाइसेज़ और सर्विसेज़ डिवीजन में 100 लोगों की कटौती.
बम्बल: डेटिंग ऐप कंपनी ने अपने 30% ग्लोबल स्टाफ, यानी करीब 240 कर्मचारियों को निकाला.
AI क्यों बन रहा है नौकरी का दुश्मन?
तकनीकी कंपनियां तेजी से AI को अपनाकर अपने बिज़नेस मॉडल को lean बना रही हैं. माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला ने साफ कहा कि कंपनी अब एआई-केंद्रित स्ट्रक्चर की ओर बढ़ रही है। गूगल और अमेज़न जैसे दिग्गजों का भी यही रुख है.
InMobi के CEO नवीन तेवरी का मानना है कि 2025 तक 80% कोडिंग ऑटोमैटेड हो जाएगी। OpenAI के Kevin Weiland और Zerodha के कैलाश नाथ जैसे इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जूनियर डेवलपर्स सबसे ज़्यादा खतरे में हैं.
क्या सभी छंटनी AI की वजह से हो रही हैं?
नहीं, महामारी के बाद के दौर में हुई बेतहाशा हायरिंग अब कंपनियों पर भारी पड़ रही है. 2022 के अंत तक 2.6 लाख टेक वर्कर निकाले गए थे. 2023 की पहली तिमाही में ही 1.67 लाख छंटनी हुई. अब कंपनियां अपने संसाधनों को दोबारा संतुलित कर रही हैं.
भविष्य की नौकरियां कैसी होंगी?
World Economic Forum (WEF) की रिपोर्ट कहती है कि:
- 2030 तक 170 मिलियन नई नौकरियां बनेंगी, लेकिन 92 मिलियन जाएंगी भी.
- 59% वर्कर्स को 2030 तक दोबारा स्किल्ड होना पड़ेगा.
- Clerical jobs, data entry, और repetitive tasks सबसे पहले जाएंगी.
- Cybersecurity, Big Data, AI, और टेक्निकल लिटरेसी जैसी स्किल्स की डिमांड सबसे तेज़ होगी.
सरकारें और इंडस्ट्री क्या कर रही हैं?
कर्नाटक सरकार ने AI के वर्कफोर्स पर असर को लेकर स्टडी की घोषणा की है. Anthropic के CEO ने 'AI टैक्स' का सुझाव दिया है, जिससे नुकसान उठाने वाले वर्कर्स की मदद हो सके. कुछ विशेषज्ञ Universal Basic Income (UBI) की बात कर रहे हैं.
कुल मिलाकर AI न केवल तकनीक बदल रहा है, बल्कि नौकरियों की परिभाषा भी... चुनौती यह नहीं कि AI काम करेगा या नहीं – चुनौती यह है कि हम उसके साथ कैसे काम करेंगे. जो समय के साथ चलेगा, वही आगे बढ़ेगा और जो अड़ा रहेगा, उसकी नौकरी AI ले जाएगा.
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