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आगामी जनगणना में जाति आधारित होगी गणना, मोदी सरकार ने दी मंजूरी, किसानों के लिए भी हुआ एलान

Centre Announce Caste enumeration to be part of population census: केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और समाज की सामाजिक-आर्थिक संरचना को मजबूत करने के लिए उठाया गया है. इसके साथ ही, कैबिनेट ने मेघालय-असम के बीच हाई-स्पीड ग्रीनफील्ड हाईवे परियोजना और 2025-26 के लिए गन्ने की FRP दर को भी मंजूरी दी.

Centre Announce Caste Enumeration To Be Part Of Population Census: केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए आगामी जनगणना में जातिगत जनगणना (Caste Enumeration) को शामिल करने की मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट की ब्रीफिंग में यह जानकारी दी. यह फैसला कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) द्वारा लिया गया, जिससे सामाजिक संरचना को मजबूत करने और पारदर्शिता बनाए रखने का मार्ग प्रशस्त होगा.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'भारतीय संविधान के अनुसार जनगणना एक केंद्र का विषय है। कुछ राज्यों ने जातिगत सर्वे किए हैं, लेकिन ये पारदर्शी नहीं थे और राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित थे, जिससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई.'

पारदर्शिता के लिए सरकार ने लिया ये फैसला

उन्होंने आगे कहा, 'हमारा सामाजिक ताना-बाना राजनीति से प्रभावित न हो, इसलिए सर्वेक्षण की जगह पारदर्शी जातिगत गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए. यह समाज की सामाजिक-आर्थिक संरचना को सशक्त बनाएगा.'

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 30 अप्रैल 2025 को CCPA की बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी जनगणना में जातिगत विवरण शामिल किया जाएगा. उन्होंने इसे सरकार की सामाजिक समरसता और देशहित के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया.

'कांग्रेस ने जाति गणना को बनाया राजनीतिक हथियार'

अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, 'कांग्रेस सरकारों ने कभी जातिगत जनगणना नहीं कराई, केवल राजनीतिक लाभ के लिए सर्वेक्षण कराए. 2010 में डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया था, लेकिन उसके बावजूद जातिगत सर्वेक्षण ही किया गया, जनगणना नहीं.'

उन्होंने कहा कि 1951 से 2011 तक की सभी जनगणनाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आंकड़े शामिल रहे हैं, लेकिन अन्य जातियों की जानकारी नहीं दी गई. जबकि 1931 तक की जनगणनाओं में जाति आधारित आंकड़े उपलब्ध थे.

राष्ट्रीय राजमार्ग और गन्ने की कीमतों पर भी अहम फैसले

1. हाई-स्पीड कॉरिडोर को मिली मंजूरी: कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने मेघालय के मावलिंगखुंग (शिलांग के पास) से असम के पंचग्राम (सिलचर के पास) तक 166.80 किमी लंबे ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे के विकास को मंजूरी दी है. यह प्रोजेक्ट Rs. 22,864 करोड़ की लागत से हाइब्रिड एन्युइटी मोड पर तैयार होगा, जिसमें 144.80 किमी मेघालय और 22 किमी असम में होगा.

2. गन्ने की FRP तय: सरकार ने 2025-26 गन्ना सीजन (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने की न्यूनतम उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) को Rs. 355 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है. यह दर 10.25% की बेसिक रिकवरी पर आधारित है. इससे अधिक रिकवरी होने पर प्रति 0.1% पर Rs. 3.46/क्विंटल का प्रीमियम मिलेगा, और कम होने पर उतनी ही राशि की कटौती की जाएगी.

सरकार का यह कदम भारत की सामाजिक संरचना को और अधिक पारदर्शी और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. जातिगत जनगणना, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, और कृषि मूल्य नीति से जुड़े ये फैसले आगामी वर्षों में देश के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को मजबूती प्रदान करेंगे. 

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