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कौन हैं नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल, जो Gen Z प्रोटेस्ट के बाद सुर्खियों में? संभाल सकते हैं सत्ता

नेपाल में बड़े राजनीतिक संकट के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है. 'जेन-ज़ी' आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 19 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल होने के बाद सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने ओली पर पद छोड़ने का दबाव बनाया.

Nepal political crisis 2025: नेपाल में दो दिनों से जारी Gen Z आंदोलन ने आखिरकार प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफ़ा देने पर मजबूर कर दिया. सोमवार को हुई हिंसक झड़पों में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए. हालात बिगड़ने पर विपक्ष और सहयोगी दलों के दबाव के साथ-साथ सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने भी ओली को पद छोड़ने की सलाह दी.

इस्तीफ़े की पृष्ठभूमि

काठमांडू और अन्य शहरों में युवाओं का आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा था. सोशल मीडिया बैन और सरकार की दमनकारी कार्रवाई ने आग में घी का काम किया. सोमवार को सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसमें 19 की जान गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए. अस्पताल खचाखच भर गए और लोग खून दान करने के लिए कतारों में खड़े हो गए.

इसी बीच, ओली कैबिनेट के दो मंत्रियों ने भी इस्तीफ़ा दे दिया, जिससे सरकार पर दबाव और बढ़ गया. खबर है कि सेना प्रमुख सिग्देल ने साफ कहा कि हालात काबू में लाने के लिए ओली का इस्तीफ़ा ज़रूरी है.

आर्मी चीफ़ अशोक राज सिग्देल पर फोकस

ओली के हटने के बाद अब सभी की नज़र नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल पर टिक गई है. कहा जा रहा है कि हालात संभालने के लिए वे खुद देश की बागडोर संभाल सकते हैं.

जन्म और शिक्षा: 1 फरवरी 1967 को रुपनदेही जिले में जन्म. शुरुआती पढ़ाई काठमांडू में की.

सैन्य करियर: 1986 में आर्मी जॉइन की. चीन की National Defence University और भारत के Army War College से पढ़ाई.

अनुभव: काउंटर-इंसर्जेंसी स्कूल, इन्फैंट्री ब्रिगेड और डिवीजन का नेतृत्व। कोविड मैनेजमेंट सेंटर के सचिव भी रहे.

सम्मान: कोविड कंट्रोल में योगदान के लिए Suprabal Janasewashree III, दो बार COAS Commendation Badge.

भारत-नेपाल रिश्ते: 2024 में भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उन्हें भारतीय सेना का मानद जनरल बनाया.

अशोक राज सिगडेल ने कहा, 'नेपाल के इतिहास के आरंभ से ही, नेपाल सेना कठिन परिस्थितियों में भी नेपाल की स्वतंत्रता, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, स्वतंत्रता, राष्ट्रीय एकता और नेपाली जनता की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है. नेपाल में चल रहे आंदोलन के दौरान हुई जान-माल की अपूरणीय क्षति पर हम गहरा दुःख व्यक्त करते हैं. हम दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं.'

सेना और नेताओं की अपील

सेना ने अपने बयान में कहा कि वह जनता और उनकी संपत्ति की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. साथ ही नागरिकों से शांति बनाए रखने और ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने की अपील की.

सभी सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा, 'प्रधानमंत्री का इस्तीफ़ा राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार कर लिया गया है. अब ज़रूरत है कि हिंसा रोककर बातचीत से समाधान निकाला जाए.'

बालेन शाह का संदेश

काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी युवाओं से शांति की अपील की। उन्होंने कहा, 'Gen-Z आंदोलन की मांग पूरी हो चुकी है. अब धैर्य रखें। संसद को भंग करना ज़रूरी है, ताकि नई शुरुआत हो सके.'

हालात काबू से बाहर

पीएम ओली के इस्तीफ़े के बाद भी उग्र भीड़ थमी नहीं. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, राजनीतिक दलों के दफ्तर और नेताओं के घरों में आग लगा दी.

पूर्व पीएम और कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के घर को आग के हवाले कर दिया गया.

देउबा और उनकी पत्नी अर्जु राणा को भीड़ ने घर से बाहर खींच लिया, जिसमें उन्हें हल्की चोटें आईं.

काठमांडू का Hilton Hotel, जिसमें देउबा के बेटे जयबीर की हिस्सेदारी बताई जाती है, भी जलाकर खाक कर दिया गया.

अर्जु राणा के स्वामित्व वाला Ullens School भी प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ कर दिया.

नेपाल एक अभूतपूर्व राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। Gen Z आंदोलन ने न सिर्फ प्रधानमंत्री को गिरा दिया बल्कि पूरे राजनीतिक ढांचे को चुनौती दे दी है. अब सबकी नज़र सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल पर है, जो देश को स्थिरता की ओर ले जा सकते हैं या फिर नेपाल नए सत्ता संघर्ष की ओर बढ़ सकता है.

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