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18 महीने की तैयारी के बाद लागू हुआ नया GST फ्रेमवर्क, Nirmala Sitharaman ने बताई इसके पीछे की पूरी जर्नी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी सुधारों का बड़ा ऐलान किया है. अब जीएसटी स्लैब घटाकर सिर्फ दो कर दिए गए हैं और हेल्थ व लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट दी गई है. यह फैसला 18 महीने की तैयारी के बाद राज्यों की सहमति से लागू किया गया है.

GST Reform 2025: देश में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को लेकर बड़ा सुधार किया गया है. NDTV समिट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जीएसटी स्लैब को घटाकर अब सिर्फ दो कर दिया गया है और कई वस्तुओं के साथ-साथ हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर भी छूट दी गई है. यह फैसला अचानक नहीं बल्कि पिछले 18 महीनों से तैयारी में था.

अमेरिकी टैरिफ से नहीं जुड़ा फैसला

सीतारमण ने साफ किया कि यह निर्णय अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ के जवाब में नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मान रहे थे कि भारत ने यह कदम निर्यात पर संभावित $48 बिलियन के असर को देखते हुए उठाया है, लेकिन असल में यह सुधार पहले से ही प्रक्रिया में था.

मोदी ने 'आम आदमी' को दिलाया याद

वित्त मंत्री ने बताया कि यह मुद्दा पिछले साल के बजट से पहले ही उठाया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 'आम आदमी' को राहत देने की याद दिलाई थी. बजट 2024-25 में सरकार ने मध्यवर्ग और सैलरी वर्ग को टैक्स छूट देकर राहत दी थी. इसी कड़ी में जीएसटी सुधार पर भी काम शुरू हुआ.

राज्यों को मनाना सबसे बड़ी चुनौती

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी सुधार का सबसे बड़ा कदम राज्यों को भरोसे में लेना था. इसके लिए 3-4 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई, जिसमें माना जा रहा था कि राज्य राजस्व नुकसान को लेकर विरोध करेंगे और मुआवजा मांगेंगे. यहां तक कि 'सिन टैक्स' लगाने की चर्चा भी थी.

लेकिन हैरानी की बात यह रही कि बैठक सिर्फ एक दिन में खत्म हो गई और सभी राज्यों ने सर्वसम्मति से सुधारों को मंजूरी दे दी. सीतारमण ने कहा, 'फेयर होने के लिए, राज्य वित्त मंत्री भी दरों के तर्कसंगतीकरण के पक्ष में थे.'

मुआवजे पर साफ जवाब

सीतारमण ने स्पष्ट किया कि राज्यों को 2022 के बाद से कोई मुआवजा नहीं दिया गया है. पहले जीएसटी कलेक्शन में शामिल 'कंपनसेशन सेस' से राज्यों को राजस्व की भरपाई की जाती थी, लेकिन अब यह राशि कोविड-19 के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने में इस्तेमाल हो रही है.

टैक्स कलेक्शन पर जोर

वित्त मंत्री ने कहा कि अब जरूरत है टैक्स कलेक्शन की दक्षता बढ़ाने की, ताकि कुल संग्रह भी बढ़े. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, 'ऐसा नहीं है कि केंद्र सरकार किसी बड़े सूटकेस में पैसा लेकर बैठी है कि सबको बांट दे.'

यह फैसला न सिर्फ जनता को राहत देगा बल्कि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को गति देने में भी अहम साबित हो सकता है.

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