93 साल उम्र में अम्मा जीत आई 'गोल्ड मेडल'... कैसी है एथलीट पाना देवी की लाइफस्टाइल? अब जाएंगी स्वीडन और इंडोनेशिया
Pana Devi Godara: हाल ही में बेंगलुरु में 45वीं राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पाना देवी ने शॉट पुट, 100 मीटर स्प्रिंट और डिस्कस थ्रो सहित कई स्पर्धाओं में गोल्ड मेडल जीतकर पूरे देश को गौरवान्वित किया.

Pana Devi Godara: बीकानेर की 93 वर्षीय पानी देवी गोदारा ने बेंगलुरु में 45वीं राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शॉटपुट, 100 मीटर दौड़ और डिस्कस थ्रो में स्वर्ण पदक जीता. अब उनका लक्ष्य स्वीडन में होने वाली विश्व चैंपियनशिप और इंडोनेशिया में होने वाली एशियाई मास्टर्स में भाग लेना है.
एथलीट पाना देवी गोदारा ने उम्र को मात देकर साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प की कोई सीमा नहीं होती. पाना देवी की उपलब्धियों ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया है. उनकी उपलब्धियों ने उनकी बढ़ती उम्र के बावजूद एथलेटिक्स के प्रति उनकी अटूट भावना और समर्पण को दर्शाया है. अब पाना देवी का अगला लक्ष्य इस अगस्त में स्वीडन में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतना है.
इंडोनेशिया ने भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी पाना देवी
इसके अलावा पाना देवी को सितंबर में इंडोनेशिया में होने वाली एशियाई मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए भी चुना गया है. न्यूज एजेंसी IANS से बात करते हुए 90 वर्षीय पाना देवी ने स्वीडन और इंडोनेशिया में होने वाली एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भाग लेने पर खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि वह वहां होने वाले खेलों में भाग लेने के लिए काफी उत्साहित हैं. उन्होंने बेंगलुरु में हुए इवेंट में पदक जीतने की अपनी यादें भी साझा कीं.
पाना देवी की लाइफस्टाइल
बीकानेर की चौधरी कॉलोनी में रहने वाली पाना देवी अपने खेल के शौक को घर की जिम्मेदारियों के साथ जोड़ती हैं. वह हर दिन अपनी गायों और भैंसों की देखभाल करती हैं और इसके लिए कड़ी मेहनत करती हैं.
वह एक सख्त फिटनेस दिनचर्या का भी पालन करती हैं, जिसने उनकी असाधारण सफलता में योगदान दिया है। पाना देवी की अनुशासित जीवनशैली और अथक परिश्रम ने उनकी उपलब्धियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
कई लोगों को प्रेरित करती है पाना देवी की कहानी
इस उम्र में पदक जीतना पाना देवी के लिए भले ही बड़ी सफलता हो, लेकिन यह सभी के लिए प्रेरणा भी है, खासकर महिलाओं के लिए। संदेश यह है कि महिलाओं और पुरुषों को फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने चाहिए.
93 साल की उम्र में भी पानी देवी ने दृढ़ संकल्प और दृढ़ संकल्प की मिसाल कायम की है. उन्होंने साबित किया है कि सपनों को पूरा करने के लिए उम्र कोई बाधा नहीं होती. यह उपलब्धि न केवल बीकानेर बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है और पाना देवी की कहानी आज भी कई लोगों को प्रेरित करती है.