'हमास के पास अब बस दो ऑप्शन... गाजा युद्ध को लेकर इजरायली राजदूत ने ये क्या कह दिया?
Israel Hamas War: इजरायली राजदूत रूवेन अजार ने कहा कि हमास शांति नहीं चाहता है. उन्होंने कहा, 'हमास ने अमेरिकी मध्यस्थ के प्रस्तावों को बार-बार खारिज कर दिया है. यह बंधकों को रिहा करने से साफ इनकार करता है. अब इजरायल के पास सैन्य दबाव का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.'

Israel Hamas War: इजरायली सेना के हमास ठिकानों के निशाना बनाए जाने के बाद गाजा में कम से कम 413 लोग मारे गए. गाजा की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि रमजान के महीने में हुए हवाई हमलों में ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग मारे गए और लगभग 150 लोग घायल हो गए.
NDTV वर्ल्ड से बात करते हुए इजरायली राजदूत रूवेन अजार ने कहा कि गाजा में हमास के खात्में तक सैन्य अभियान जारी रहेगा. इजरायल और हमास के बीच 42 दिन का अस्थायी युद्धविराम समझौता अब खत्म हो चुका है और हमास आतंकवादी संगठन द्वारा अपहृत बंधकों को रिहा करने के अपने वादे से मुकर गया है.
'दो मुख्य शर्तें गाजा में ला सकती है शांति'
रूवेन अजार ने कहा कि यह समझौते का उल्लंघन है और इसलिए इजरायल के पास सैन्य दबाव का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. रूवेन अजार ने कहा, यदि हमास सहमत हो जाए और इसके लिए निर्धारित शर्तों का पालन करे, तो आज शांति हो सकती है.' उन्होंने बताया कि दो मुख्य शर्तें हैं - सभी शेष बंधकों को मुक्त करना और इजरायल पर आतंकवादी हमले करने के लिए कभी भी हथियारबंद न होना.
इजरायली राजदूत ने आगे कहा, 'हमास ने अमेरिकी मध्यस्थ के प्रस्तावों को बार-बार खारिज कर दिया है. यह बंधकों को रिहा करने से साफ इनकार करता है. अब इजरायल के पास सैन्य दबाव का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.' उन्होंने कहा, 'सैन्य दबाव प्रभावी है और काम करता है.' उन्होंने आगे कहा, 'सैन्य दबाव के कारण ही 254 बंधकों में से 195 को रिहा किया जा सका है.'
'हमास के पास अब बस दो ऑप्शन'
रूवेन अजार ने कहा कि हमास को यह समझना होगा कि गाजा पट्टी पर उसका नियंत्रण खत्म हो चुका है. उन्हें किसी भी कीमत पर सत्ता छोड़नी होगी. इजरायल उन्हें गाजा से हमेशा के लिए शांतिपूर्वक निकलने की अनुमति देगा, ताकि फिलिस्तीनी लोगों को बेहतर भविष्य का मौका मिल सके.
रूवेन अजार ने आगे कहा, 'हमास के पास अब केवल दो विकल्प हैं - एक है रचनात्मक तरीके से कूटनीतिक वार्ता की मेज पर वापस लौटना और शर्तों को स्वीकार करना. इससे सैन्य अभियान रुक जाएगा. दूसरा विकल्प है कि वे सहयोग न करें. इससे जो होगा वह यह होगा कि इजरायल के पास गाजा में जमीनी आक्रमण करने का विकल्प बचेगा ताकि हमास से जुड़े सभी आतंकवादी तत्वों को पूरी तरह से खत्म किया जा सके और फिर गाजा का अधिकार एक नए उदारवादी फिलिस्तीनी नेतृत्व और जिम्मेदार अंतरराष्ट्रीय हितधारकों को सौंप दिया जाए जो गाजा में शांति और समृद्धि लाने में मदद करेंगे.'
इज़रायली राजदूत ने अंत में ये भी कहा कि रमज़ान के इस पवित्र महीने में 75,000 से अधिक मुसलमान हर दिन इज़रायल के पवित्र शहर यरुशलम में प्रार्थना करने आते हैं. हमने हमेशा धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन किया है. हम आतंकवादियों के खिलाफ़ हैं. बता दें कि हमास ने अभी भी 59 इजराइली लोगों को बंधक बना लिया है, जिसमें अब तक उन्हें रिहा करने से इनकार कर दिया गया है.
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