पूरी दुनिया जानती है कि... भारत ने बलूचिस्तान ट्रेन हाईजेक के पाकिस्तान के आरोपों का दिया करारा जवाब
पाकिस्तान ने हाल ही में बलूचिस्तान ट्रेन हमले में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने खारिज कर दिया. हमले के दौरान संचार अफगानिस्तान से जुड़ा पाया गया और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया.

Balochistan train attack: पाकिस्तान ने बलूचिस्तान ट्रेन हमले में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया. पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ़ आतंकवाद को प्रायोजित करने में शामिल है. इसे लेकर भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है.
भारत आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जाफर एक्सप्रेस हाईजेक में भारत का कोई हाथ नहीं था. विदेश मंत्रालय के ऑफिशियल स्पोकपर्सन रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हम पाकिस्तान के लगाए गए निराधार आरोपों को सख्ती से खारिज करते हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है. पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं और विफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए.'
पाकिस्तान ने लगाए थे आरोप
इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने दावा किया था कि जाफर एक्सप्रेस पर हमले में शामिल विद्रोही अफगानिस्तान में अपने सरगनाओं के संपर्क में थे.
शफकत अली खान ने कहा, 'भारत पाकिस्तान में आतंकवाद में शामिल रहा है. जाफर एक्सप्रेस पर विशेष हमले में आतंकवादी अफगानिस्तान में अपने आकाओं और सरगनाओं के संपर्क में थे.'
पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान के बीच संबंध सीमा पर लगातार होने वाली झड़पों के कारण तनावपूर्ण हो गए हैं और इस्लामाबाद का दावा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पाकिस्तान में हमले करने के लिए अफ़गान धरती का इस्तेमाल कर रहा है. काबुल ने इन आरोपों से इनकार किया है.
बलूचिस्तान में हमलों में क्यों हुई है वृद्धि?
पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में लंबे समय से उग्रवाद चल रहा है, हाल के सालों में हमलों में वृद्धि हुई है। मंगलवार को, प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक यात्री ट्रेन पर कब्जा कर लिया. इसमें कई जानें गई. लेकिन सवाल ये है कि बलूचिस्तान में हमलों में वृद्धि क्यों हुई है?
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम आबादी वाला प्रांत है, जो जातीय बलूच अल्पसंख्यकों का घर है.बलूच अल्पसंख्यक सरकारी भेदभाव का आरोप लगाते हैं. अलगाववादी 2000 के दशक की शुरुआत से ही स्वशासन या इस्लामाबाद से आज़ादी के लिए अभियान चला रहे हैं, प्रांत के प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों के एक बड़े हिस्से की मांग कर रहे हैं. बलूचों का ये भी आरोप है कि पाकिस्तान उन्हें अनदेखा करता है.
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