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Zomato ने ठग लिया! नोएडा के रेस्टोरेंट मालिक का क्यों फूटा गुस्सा? बोले - अब नहीं झेलेंगे

Zomato VS Noida Restaurant Owner: नोएडा के सेक्टर-26 में स्थित रेस्टोरेंट 'Saffroma' के मालिक मनीष ने Zomato पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा कि Zomato उनकी अनुमति के बिना विज्ञापन चला रहा था, रहस्यमय चार्ज काट रहा था और फिर भी उन्हें ज़ीरो पेआउट दे रहा था.

Zomato VS Noida Restaurant Owner: नोएडा के एक रेस्टोरेंट मालिक ने Zomato की ईंट से ईंट बजा दी है! सोशल मीडिया पर गुस्से में उबलते हुए उन्होंने न सिर्फ कंपनी को खरी-खोटी सुनाई बल्कि साफ कह दिया—अब मेरी दुकान तुम्हारे ऐप पर नहीं चलेगी! दरअसल, नोएडा सेक्टर-26 में बिरयानी, कबाब और मुग़लई के लिए मशहूर रेस्टोरेंट 'Saffroma' के मालिक मनीष ने X (पहले ट्विटर) पर Zomato की नीतियों पर करारा हमला किया.

उन्होंने सीधे CEO दीपिंदर गोयल को टैग करते हुए कहा, 'Congrats Zomato! आपकी मिस्ट्री सर्विस चार्ज, बिना बताए चलाए गए विज्ञापन और वो POC जो भूत बन जाता है – क्या ही शानदार सर्विस है! अब आपकी ऐप से टाटा-बाय बाय!'

बिज़नेस को डुबोने वाले 'गुप्त खर्च' और 0 पेआउट्स

मनीष ने आरोप लगाया कि Zomato उनके रेस्टोरेंट को 0 रुपये का भुगतान कर रहा था, उल्टा 'Investment in Growth' जैसे रहस्यमयी नाम से मोटे पैसे काट रहा था. उन्होंने ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए. उनके मुताबिक:

'5 महीने में समझ आ गया कि मेरा केस तो बस शुरुआत है, न जाने कितने छोटे बिज़नेस Zomato जैसी कंपनियों के भरोसे डूब गए!'

Zomato की सफाई और सोशल मीडिया का बवाल

Zomato ने जवाब में कहा, 'Hi Manish, यह हम नहीं चाहते थे! कृपया अपना रेस्टोरेंट ID भेजें, हमारी टीम संपर्क करेगी.' लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर तूफान उठ चुका था.

एक यूज़र ने लिखा:

'बड़े ब्रांड्स को तो शायद अलग डील मिलती है, हमें तो बस चार्ज पर चार्ज झेलना पड़ता है.'

दूसरे ने लिखा:

'Investment in growth' के नाम पर ये क्या मजाक है? फ्री में खाना बांट रहे हैं क्या?'

और तीसरे यूज़र ने कहा:

'Zomato और Swiggy दोनों ही ग्राहकों और रेस्टोरेंट दोनों को लूटते हैं, मैं दोनों तरफ से भुगत चुका हूं!'

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

डिजिटल फूड डिलीवरी की दुनिया में छोटे रेस्टोरेंट्स के लिए कमिशन, विज्ञापन और POC की समस्याएं लंबे समय से मुद्दा रही हैं. इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या वाकई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स छोटे कारोबारियों के लिए फायदेमंद हैं?

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