Housefull 5 Review: सितारों की भीड़, हंसी की मार या बोरियत का भार? आइए अब आप ही कर लीजिए फैसला
Housefull 5 Review: हाउसफुल 5 बॉलीवुड की सबसे बड़ी मल्टीस्टारर कॉमेडी फिल्मों में से एक है, जिसमें 20 से ज्यादा सितारे नजर आते हैं. फिल्म की कहानी एक क्रूज़ शिप पर सेट है, जहां एक अरबपति की मौत और वसीयत को लेकर मर्डर मिस्ट्री शुरू होती है. हालांकि फिल्म में स्टार पावर और कॉमेडी की कोशिश भरपूर है, लेकिन कमजोर स्क्रिप्ट और फीका स्क्रीनप्ले दर्शकों को बांध नहीं पाता. कुछ हिस्सों में हंसी जरूर आती है, मगर दूसरे हाफ में फिल्म काफी खिंची हुई लगती है.

Housefull 5 Review: बॉलीवुड की सबसे चटपटी, सितारों से लदी और हर बार हंसी के बम गिराने वाली फ्रेंचाइज़ी हाउसफुल की पांचवीं किश्त हाउसफुल 5 सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है. फिल्म को देखकर लोग इसका रिव्यू भी कर रहे हैं, लेकिन हम आपको असली में बताएंगे आखिर फिल्म कैसी है और फिर आप खुद फैसला लेना कि आपको फिल्म देखनी चाहिए या नहीं...
पोस्टर में 20 बड़े चेहरे — अक्षय कुमार, रितेश देशमुख, अभिषेक बच्चन, जैकलीन फर्नांडिज़, सोनम बाजवा, नरगिस फाखरी, संजय दत्त, नाना पाटेकर, जैकी श्रॉफ और फर्दीन ख़ान समेत पूरी बॉलीवुड की बारात! लेकिन सवाल ये है — क्या ये बारात आपको हंसाएगी या सिर्फ दिमाग की बारह बजाएगी?
कहानी में ट्विस्ट पर ट्विस्ट, लेकिन हंसी मिसिंग!
कहानी एक आलीशान क्रूज़ शिप पर सेट है, जहां अरबपति रंजीत डोबरियाल अपनी 100वीं बर्थडे पार्टी रखता है. लेकिन पार्टी शुरू होने से पहले ही बुड्ढा स्वर्ग सिधार जाता है और पीछे छोड़ जाता है एक झगड़ालू वसीयत!
उसकी संपत्ति सिर्फ 'जॉली' नाम के बेटे को मिलनी है… लेकिन जॉली तो तीन हैं! कौन असली, कौन नकली? और फिर शुरू होता है मर्डर मिस्ट्री का चक्कर, जिसमें डॉक्टर समेत तीन कत्ल होते हैं.
संजय दत्त और जैकी श्रॉफ जब तक सीरियस होते हैं, नाना पाटेकर की एंट्री होती है और केस और भी उलझ जाता है.
कॉमेडी है... पर कहां है?
पहले हाफ में कुछ पंच आपको हंसी दिला सकते हैं — खासकर अक्षय कुमार के कुछ वन लाइनर्स, रितेश देशमुख की टाइमिंग और शरयास तलपड़े की प्रेज़ेंस... लेकिन दूसरा हाफ तो ऐसे लगता है जैसे स्क्रिप्ट भी गहरी नींद में चली गई हो! कॉमेडी की जगह चलती रहती है जांच पड़ताल, और हंसी की जगह आती है जम्हाई... हीहीहीही... ये मेरे हंसने का अंदाज है दोस्तों...
एक्शन नहीं, एक्टिंग में दम
- अक्षय कुमार: हंसाने की कोशिश करते हैं और कुछ जगहों पर सफल भी होते हैं.
- रितेश देशमुख: हमेशा की तरह कंफ्यूज़ किरदार में फिट.
- नाना पाटेकर: गंभीरता और कॉमिक टाइमिंग का बढ़िया मेल.
- संजय दत्त: कुछ ज्यादा ही ऊंची आवाज में एक्टिंग करते लगते हैं.
- अभिषेक बच्चन: शायद स्क्रिप्ट उन्हें ही भूल गई थी!
- जैकलीन-नरगिस-सोनम बाजवा: ग्लैमर के नाम पर ठीक-ठाक.
म्यूज़िक ऐसा कि भूल जाओ
फिल्म में कई म्यूज़िक डायरेक्टर हैं, लेकिन कोई गाना ऐसा नहीं जो थियेटर से बाहर निकलते ही जुबान पर चढ़ जाए. गानों में ना तो कैच है, ना ही रीप्ले वैल्यू.
डायरेक्शन और सिनेमैटोग्राफी ठीक-ठाक
तरुण मनसुखानी ने क्रूज़ वाले सीन्स अच्छे से फिल्माए हैं, लेकिन जब स्क्रिप्ट ही ढीली हो तो डायरेक्शन कितना चमक सकता है?
कुल मिलाकर: हाउसफुल 5 — हंसी कम, भीड़ ज़्यादा!
रेटिंग: ⭐⭐✨ (2.5/5)
अगर आप सिर्फ स्टार्स की भीड़ देखने जा रहे हैं, तो टिकट बुक कर लीजिए. लेकिन अगर आप उम्मीद कर रहे हैं कि पेट पकड़कर हंसेंगे जैसे हाउसफुल की पुरानी फिल्मों में होता था — तो ये फिल्म आपको ज़रा निराश कर सकती है.
क्या देखें या छोड़ें?
अगर आप 'मल्टीस्टारर' और लाउड कॉमेडी के फैन हैं, तो एक बार देख सकते हैं. लेकिन जो दर्शक स्क्रिप्ट, सेंसिबल ह्यूमर और टाइट एडिटिंग पसंद करते हैं, उनके लिए ये फिल्म 'हाउसफुल' नहीं, 'दिमाग-फुल' हो सकती है!
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