बॉलीवुड के 'जंपिंग जैक'! जीतेन्द्र की ब्लॉकबस्टर फिल्में, जो आपको बना देगी दीवाना
जंपिंग जैक के नाम से मशहूर बॉलीवुड एक्टर जीतेंद्र आज 83 साल के हो गए हैं. चार दशक से ज़्यादा के करियर में उन्होंने 200 से ज़्यादा फ़िल्मों में काम किया है, जिसमें उनके डांस मूव्स और एक्टिंग को सराहा जाता है.

Jitendra Blockbuster Movies: बॉलीवुड के महान एक्टर जीतेन्द्र को बॉलीवुड का 'जंपिंग जैक' भी कहा जाता है. उनका जन्म 7 अप्रैल, 1942 को हुआ था. पांच दशकों से भी अधिक समय तक उन्होंने लोगों का खूब मनोरंजन किया. 200 से अधिक फिल्मों के करियर के साथ उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री पर एक अमिट छाप छोड़ी है.
आइए उनकी कुछ सबसे शानदार फिल्मों पर एक नज़र डालते हैं जो आज भी दर्शकों का मनोरंजन करती है.
1. 'हमजोली' (1970)
इस क्लासिक म्यूजिकल रोमांस ने बॉलीवुड में जीतेंद्र को एक लीडिंग मैन के तौर पर स्थापित किया. को-स्टार लीना चंदावरकर के साथ उनकी केमिस्ट्री आज भी फैंस को याद है. फिल्म का गाना 'ढल गया दिन' आज भी सबसे मशहूर रेट्रो गानों में से एक है.
2. 'परिचय' (1972)
इस फैमिली ड्रामा में जीतेंद्र के बेहतरीन अभिनय ने उन्हें आलोचकों की प्रशंसा दिलाई. जटिल पारिवारिक रिश्तों और सामाजिक मुद्दों की खोज आज भी प्रासंगिक है. 'मुसाफिर हूं यारो' गाना आज भी बॉलीवुड रेट्रो म्यूजिक पसंद करने वाले कई ट्रैवलहॉलिक्स की ट्रैवल प्लेलिस्ट में शामिल है.
3. 'खुदगर्ज' (1987)
इस बदला लेने वाले नाटक ने जीतेन्द्र की जटिल, बारीक किरदार निभाने की क्षमता को दिखाया. सह-कलाकार गोविंदा और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ उनके प्रदर्शन की आज भी काफी प्रशंसा की जाती है.
4. 'तोहफा' (1984)
इस रोमांटिक कॉमेडी ने जीतेन्द्र की स्थिति को एक बहुमुखी अभिनेता के रूप में मजबूत किया, जो नाटकीय और हल्के-फुल्के दोनों तरह के किरदार निभा सकते थे. सह-कलाकार श्रीदेवी और जया प्रदा के साथ उनकी केमिस्ट्री को प्रशंसक आज भी याद करते हैं.
5. 'हिम्मतवाला' (1983)
के. राघवेंद्र राव की निर्देशित यह फिल्म काफी सफल रही. हिम्मतवाला सह-कलाकार श्रीदेवी के साथ उनकी केमिस्ट्री विशेष रूप से उल्लेखनीय थी, और उनके ऑन-स्क्रीन रोमांस ने फिल्म की अपील में इजाफा किया.
6. 'औलाद' (1987)
इस पारिवारिक ड्रामा में जीतेन्द्र के प्रदर्शन ने उन्हें आलोचकों की प्रशंसा दिलाई. विजय सदाना की निर्देशित इस फिल्म में परिवार, प्रेम और त्याग के विषयों की खोज की गई थी. औलाद में जीतेन्द्र ने आनंद की भूमिका निभाई, जो एक समर्पित पिता है, जो अपने परिवार के लिए संघर्ष करता है और उनकी भलाई सुनिश्चित करता है. फिल्म में आनंद की यात्रा का चित्रण गहराई से मार्मिक और भरोसेमंद था, जिसमें वह माता-पिता और सामाजिक अपेक्षाओं की चुनौतियों का सामना करता है.
भारतीय लोकप्रिय संस्कृति पर जीतेन्द्र का प्रभाव रहा है. उन्होंने एक्टर्स और फिल्म मेकर्स की पीढ़ियों को प्रेरित किया है और उनकी फिल्में आज भी दर्शकों द्वारा पसंद की जाती हैं. एक चहेते एक्टर और निर्माता के रूप में उनकी विरासत ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा है.
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