3 महीनों में 25 लोगों की गई जान, पहाड़ों के बीच मेघालय का खूबसूरत हाईवे बन रहा मौत का कुआं
Meghalaya's Umiam-Jorabat Expressway: हाल के आंकड़ों की बात करें तो मेघालय के उमियम-जोराबाट एक्सप्रेसवे पर 100 दिनों में 25 मौतें हुईं, जिनका मुख्य कारण तेज गति से वाहन चलाना और शराब पीकर वाहन चलाना था. ये प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.

Meghalaya's Umiam-Jorabat Expressway: पहाड़ों पर अचानक मुड़ने और कभी ऊपर तो कभी नीचे की ओर जाती हाईवे... कुछ ऐसा ही गुवाहाटी को शिलांग से जोड़ने वाले 60 किलोमीटर लंबे उमियम-जोराबाट एक्सप्रेसवे है. ये हाइवे मौत के दावत से कम नहीं है. यहां पिछले 100 दिनों में 25 लोगों की जान जा चुकी है. ये अपनी प्राकृतिक सुंदरता और चिकनी सड़कों के लिए जाना जाता है.
इस फॉर लेन वाले राजमार्ग पर होने वाली अधिकांश एक्सीडेंट तेज़ गति से वाहन चलाने के कारण हुई हैं. मेघालय के री-भोई जिले के पुलिस अधीक्षक वीएस राठौर ने बताया कि लगभग 50 प्रतिशत पीड़ित राज्य के बाहर के थे. उन्होंने तेज गति के अलावा नशे में वाहन चलाना भी एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण बताया गया है.
NHAI लगातार लोगों से सावधानी की कर रहा अपील
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पहले किसी भी इंजीनियरिंग गड़बड़ी से इनकार किया है और कार ड्राइवर्स को सावधानी से गाड़ी चलाने की अपील की है. पुलिस NHAI के साथ नियमित संपर्क में है और उसने हाइवे पर स्पीड लिमिट बोर्ड लगाने का अनुरोध भी किया है.
हाइवे पर हो रही लगातार मौत को देखते हुए पुलिस तेज गति से वाहन चलाने की संभावना वाले स्थानों पर बैरिकेड्स लगाने की योजना बना रही है और लापरवाही से वाहन चलाने तथा तेज गति से वाहन चलाने पर अंकुश लगाने के लिए नियमित जांच भी कर रही है.
पुलिस ने बताया कि एक्सप्रेसवे का उपयोग करने वाले ट्रक चालकों को लेन अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी जा रही है और भारी वाहनों की सुरक्षित पार्किंग के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं.
वीकेंड पर रेसिंग ट्रैक में बदल जाता ये हाइवे
स्थानीय लोगों ने ये भी बताया कि वीकेंड पर ये हाइवे किसी रेसिंग ट्रैक में बदल जाता है, जहां गाड़ियां सरपट दौड़ती है. यहां शिलांग और असम से सैकड़ों बाइकर्स हाई स्पीड में बाइक चलाने के लिए इक्कठे होते हैं.
जनवरी में केंद्र ने चार लेन वाले राजमार्ग के विस्तार को मंजूरी दी थी. हालांकि गुवाहाटी से उमियम तक का हिस्सा पहले ही विकसित हो चुका है, लेकिन उमियम से शिलांग तक का हिस्सा बढ़ते यातायात के कारण बाधा बना हुआ है.
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