BREAKING:
NHAI ने लॉन्च किया FASTag Annual Pass, 1.4 लाख लोगों ने पहले दिन खरीदा, जानिए फायदे       Aaj Ka Rashifal 15 August 2025: मेष से मीन तक सभी राशियों का आज का हाल, जानें शुभ-अशुभ संकेत       कैसे तय हुई भारत-पाकिस्तान की सीमाएं? जानें बंटवारे का जजमेंट और कैसे जजों ने खींची थी लकीर       Aaj Ka Rashifal 14 August 2025: मेष से मीन तक जानें आज किसका कैसा रहेगा दिन       Aaj Ka Rashifal 13 August 2025: मेष से मीन तक सभी राशियों का आज का जानें हाल       दुनिया को जब ज़रूरत होती है, भारत आगे आता... RSS चीफ ने बताया - कैसे बदली दुनिया की सोच?       MSME से लेकर आम टैक्सपेयर तक... नए बिल से टैक्स सिस्टम होगा S.I.M.P.L.E, आसान भाषा में समझें       Aaj Ka Rashifal 25 July 2025: मकर और सिंह सावधान, कर्क और धनु के लिए शुभ दिन, पढ़ें आज का राशिफल       रक्षा बंधन 2025 8 अगस्त को है या 9 अगस्त को? जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और भद्रा काल की सही जानकारी       'मैं मरा नहीं हूं… मेरी ज़मीन लौटा दो', DM ऑफिस तक लाठी टेककर पहुंचा जिंदा बुज़ुर्ग, जानिए क्या है पूरा मामला      

Advocates Act संशोधन 2025 क्या है, जिसे लेकर बार काउंसिल और वकीलों के सामने झुकी मोदी सरकार?

Advocates Act: Advocate एक्ट 1961 एक व्यापक कानूनी ढांचा है. अपने प्रावधानों के माध्यम से यह अधिनियम कानूनी पेशे के सुचारू संचालन, कानून के शासन को कायम रखने और कानूनी प्रणाली में जनता का विश्वास बनाए रखने का भी प्रावधान करता है.

Advocates Act: वकीलों की हड़ताल और बार काउंसिल ऑफ इंडिया की आपत्तियों के बाद मोदी सरकार ने Advocates Act संशोधन 2025 के मसौदे को वापस ले लिया है. केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने कहा कि इसे हितधारकों के साथ परामर्श के लिए नए सिरे से संसाधित किया जाएगा.

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लिखे पत्र में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और भाजपा सांसद मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि मसौदा विधेयक बार काउंसिल ऑफ इंडिया की स्वायत्तता को खतरे में डालता है.

आइए यहां पहले जानते हैं कि Advocates Act संशोधन 2025 क्या है?

स्ट्राइक या बॉयकॉट पर बैन: इस संशोधन के बाद वकीलों के पास काम से बहिष्कार करने का अधिकार नहीं होता. मसौदे के मुताबिक, ये कोर्ट के कामकाज में बाधा माना जाता. इसका उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है.

मसौदे के मुताबिक, इसमें धारा 9-B को कदाचार के आरोपों की जांच के लिए जोड़ा जाएगा, इसमें BCI की 'विशेष लोक शिकायत निवारण समिति' के गठन की बात भी कही गई.

एडवोकेट एक्ट 1961 क्या है? (What is the Advocate Act 1961?)

यह अधिनियम भारतीय विधि व्यवसायियों के लिए बनाया गया है. यह भारतीय वकीलों के लिए एक संपूर्ण सहिंताबद्ध विधि है जो समस्त भारत के वकीलों का निर्धारण करता है.

  1. इसी एक्ट के अनुसार, भारत में बार काउंसिल ऑफ इंडिया और स्टेट बार काउंसिल रेगुलेट होता है.
  2. एडवोकेट एक्ट 1961 के मुताबिक, लॉ कॉलेज को लॉ की पढ़ाई के लिए मान्यता दी जाती है.
  3. एक्ट के मुताबिक, बार काउंसिल के पास प्रोफेशनल कंडक्ट और एथिक्स को फॉर्मुलेट करने का अधिकार देता है.
  4. यह अधिनियम वकीलों के रजिस्ट्रेशन से लेकर अधिवक्ता प्रेक्टिस, सर्टिफिकेट निरस्तीकरण और अपील तक के संबंध में नियम प्रस्तुत करता है.
  5. इस एक्ट के तहत ये भी नजर रखी जाती है कि कोई कोर्ट में फेक प्रैक्टिस तो नहीं कर रहा और पकड़े जाने पर इसके तहत सजा का भी प्रावधान है.
  6. एडवोकेट एक्ट 1961 के तहत ही काउंसिल ऑफ इंडिया, स्टेट बार काउंसिल और डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन का इलेक्शन होता है.

Advocate कौन है?

एडवोकेट एक कानूनी पेशेवर होता ,है जिसे कानूनी मामलों में मुवक्किलों का प्रतिनिधित्व करने, कानूनी सलाह देने और व्यक्तियों या संगठनों की ओर से अदालतों में पेश होने का अधिकार होता है. भारत सहित कई कानूनी प्रणालियों में, 'अधिवक्ता" शब्द का इस्तेमाल विशेष रूप से ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है जो कानूनी रूप से योग्य हो और बार काउंसिल में नामांकित हो, जिससे वह कानून का अभ्यास कर सके.

ये भी देखिए: पाकिस्तान ने खुद को ही क्यों बताया 'एहसान फरामोश'? पाक मंत्री का बड़ा बयान-पैसे के लिए पल-पल तरस रहा देश