BREAKING:
ससुर ने किया रेप, पति ने की हत्या, 10 फिट गहरे गड्ढे में बहु को किया दफन, ससुरालवालों की रूह कंपाने वाली साजिश       Jagannath Rath Yatra: राधा-कृष्ण के विरह और मिलन की अनसुनी कहानी       Tech Layoffs 2025: AI की आंधी में उड़ गए 61,000 टेक जॉब्स, अब इस कंपनी में होने जा रही बड़ी छंटनी       Kannappa Movie Review: जब नास्तिक बना शिव का सबसे बड़ा भक्त, भक्ति से भरपूर लेकिन अधूरा       'सबको थैंक्यू लेकिन भारत के साथ बड़ी डील', ट्रंप के इशारे से टलेगा टैरिफ का खतरा, भारत के लिए कितना अहम?       Aaj Ka Rashifal 27 June 2025: मेष से मीन तक जानिए किस राशि का चमकेगा भाग्य       Diljit की फिल्म में पाकिस्तानी एक्ट्रेस! Sardaar Ji 3 को लेकर मचा बवाल, Guru Randhawa ने भी कसा तंज       स्कूल बैग बना जन सुराज पार्टी का चुनाव चिन्ह, जानिए कैसे मिलेगा प्रशांत किशोर को इसका फायदा       प्लेटें खिसक रहीं, समुद्र बन रहा! कैसे दो भागो में बंट रहा अफ्रीका? पृथ्वी का बदल जाएगा नक्शा       SSC Stenographer 2025: 261 पदों पर भर्ती, जानें पूरा शेड्यूल और योग्यता      

Supreme Court: 'पढ़ नहीं सकता तो वह किस तरह का वकील होगा...' सुनवाई के दौरान क्यों भड़क गए CJI चंद्रचूड़?

All India Bar Examination: अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) में एससी/एसटी के लिए Cut-Off कम करने के लिए याचिका दायर की गई थी.जिसे ये कहते हुए CJI चंद्रचूड़ ने खारिज कर दिया कि, इससे वकीलों के गुणवत्ता पर असर पड़ेगा.

All India Bar Examination: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ नाराज होते देखें गए. दरअसल, कोर्ट में अखिल भारतीय बार परीक्षा (All India Bar Examination) (AIBE) के लिए योग्यता अंक (Cut-Off) को कम करने की मांग वाली याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट से खारिज कर दिया है. याचिका में AIBE के लिए तय कट-ऑफ मार्क्स को कम करके सामान्य वर्ग एवं ओबीसी के लिए 40 प्रतिशत और एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए 35 प्रतिशत की मांग की गई थी.

'कट-ऑफ मार्क्स कम किया तो गुणवत्ता होगी प्रभावित'

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर AIBE के लिए तय कट-ऑफ मार्क्स को कम किया गया तो इससे बार में भर्ती होने वाले वकीलों की गुणवत्ता प्रभावित होगी. वहीं, सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं को और पढ़ने की बात कही. 

एससी/एसटी के कट ऑफ कम करने की थी मांग

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि, सामान्य श्रेणी के लिए 45 और एससी/एसटी के लिए 40 का कट ऑफ रखा गया है. अगर कोई इतना स्कोर नहीं कर सकता तो वह किस तरह का वकील होगा? उन्होंने कहा, 'पढ़ो भाई!' इस तरह कोर्ट ने साफ कर दिया कि आरक्षण देने से वकीलों की गुणवत्ता पर सवाल उठ सकता है, क्योंकि इसमें गहन अध्ययन जरूरी है. ये एक रिसर्च का विषय है, जिसे खूब मेहनत और ईमानदारी से पढ़ना जरूरी है, ताकि लोगों को न्याय मिल सके. 

ये भी देखिए: Haryana Assembly Election: चुनाव से पहले BJP खेला बड़ा दांव, अपने बड़े नेता को बनाया नया प्रदेश अध्यक्ष