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पश्चिम बंगाल में सुप्रीम कोर्ट ने 25 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द वाले HC के आदेश पर लगाई रोक

ममता सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी थी. मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 25 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द वाले HC के आदेश पर रोक लगा दी है.

पश्चिम बंगाल में मामले में शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें हाई कोर्ट ने 25 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के निर्देश के अनुसार सीबीआई की जांच जारी रहेगी. लेकिन सीबीआई कोई दंडात्मक कार्रवाई फिलहाल नहीं करेगी. इस मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले का शीघ्र निपटारा न्याय के हित में होगा, हम अंतरिम संरक्षण जारी रखते हैं, कोई भी व्यक्ति जो अवैध रूप से नियुक्त पाया गया है उसे वेतन वापस करना होगा. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने इस दौरान पश्चिम बंगाल सरकार से कड़े सवाल पूछे. सीजेआई ने शुरुआत में बंगाल सरकार से पूछा कि उसने अतिरिक्त पद क्यों बनाए और वेटिंग लिस्ट वाले अभ्यर्थियों को नियुक्त क्यों किया, जबकि चयन प्रक्रिया को अदालत में चुनौती दी गई थी. 

हाई कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए, बंगाल सरकार के वकील नीरज किशन कौल ने पूछा, क्या इस तरह के आदेश को बरकरार रखा जा सकता है. उन्होंने कहा, यह सीबीआई का भी मामला नहीं है कि 25,000 नियुक्तियां अवैध हैं. टीचर-चाइल्ड रेश्यो सब कुछ गड़बड़ा गया है. वहीं स्कूल सेवा आयोग की तरफ से पेश सीनियर वकील जयदीप गुप्ता ने तर्क दिया कि हाई कोर्ट की बेंच के पास नौकरियां रद्द करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है.

ओएमआर शीट और आंसर शीट की स्कैन की गई कॉपियां नष्ट करने पर कोर्ट ने सवाल पूछे तो स्कूल सेवा आयोग के वकील जयदीप गुप्ता ने जवाब दिया कि यह उस एजेंसी के पास है जिसे काम आउटसोर्स किया गया था. हालांकि कोर्टल ने मामले में अपनी सख्ती बरती है.