BREAKING:
PM मोदी–मेलोनी की दोस्ताना मुलाकात ने लूटी सुर्खियां, G20 समिट में दिखी अनोखी बॉन्डिंग | देखिए VIDEO       बिहार चुनाव 2025 में NDA की प्रचंड जीत पर CM Nitish Kumar ने क्या कहा? सूबे में रिकॉर्ड वोटिंग ने बदला समीकरण       'जनता ने दिया नया MY फॉर्मुला- Mahila और Youth', बिहार चुनाव में NDA की प्रचंड जीत पर दिल्ली से गरजे PM Modi       महिलाओं के लिए ₹10,000, फ्री बिजली, बढ़ी पेंशन... मोदी की चेतावनी और नीतीश के 'तिहरे दांव' ने कैसे दिलाई जीत?       बिहार की सबसे बड़ी पार्टी से लेकर करारी शिकस्त तक... RJD 20 साल बाद कैसे पहुंची सबसे बुरे दौर में?       बिहार चुनाव 2025 में 'महिला शक्ति' कैसे बनी किंगमेकर? NDA की लगा दी नैया पार       टाइगर अभी ज़िंदा है! बिहार चुनाव में नीतीश कुमार कैसे बने सबसे बड़े विनर?       लाल किले कार ब्लास्ट से हिली राजधानी, देखिए दिल्ली में पिछले 28 साल के बड़े धमाके की पूरी LIST       दिल्ली में दहशत! लाल किले के पास कार में धमाका, 8 की मौत, हाई अलर्ट पर राजधानी, प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या देखा?       ट्रेनिंग कैंप में 10 मिनट देर से पहुंचे राहुल गांधी, फिर मंच पर ही मिली ये सजा, देखते रह गए लोग      

उत्तर प्रदेश का सबसे अमीर जिला कौन सा है? नोएडा या कानपुर नहीं, इस जिले ने बनाया नया रिकॉर्ड

Uttar Pradesh Richest District: उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद जिला सबसे अमीर जिलों में शामिल हो गया है. नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार यहां गरीबी दर केवल 7% है, जबकि 2016 में यह दर 17% थी. गाजियाबाद की प्रति व्यक्ति आय ₹95,216 है और इसका औद्योगिक और कृषि क्षेत्र इसकी मजबूत अर्थव्यवस्था का आधार है.

Uttar Pradesh Richest District: उत्तर प्रदेश, जो भारत का सबसे बड़ा आबादी वाला राज्य है, आजकल अपने सबसे अमीर जिलों को लेकर चर्चा में है. लगभग 24.1 करोड़ की जनसंख्या वाला यह राज्य देश के कुल क्षेत्रफल का 7.3 प्रतिशत हिस्सा घेरता है. 

यहां की प्रशासनिक राजधानी लखनऊ है, जबकि प्रयागराज को न्यायिक राजधानी का दर्जा प्राप्त है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का सबसे अमीर जिला न तो नोएडा है और न ही कानपुर, बल्कि यह है गाजियाबाद.

क्यों है गाजियाबाद सबसे अमीर जिला?

हाल ही में नीति आयोग के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद उत्तर प्रदेश का सबसे समृद्ध जिला बन चुका है. इस जिले में गरीबी की दर मात्र 7 प्रतिशत है, जो कि राज्य के बाकी जिलों के मुकाबले बेहद कम है. 2016 में यह दर 17 प्रतिशत थी, लेकिन स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर जैसे मानकों पर हुए सुधार के कारण इस जिले में गरीबों की संख्या में भारी गिरावट आई है.

नीति आयोग ने अपने आंकड़ों में पोषण स्तर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, जन्म एवं मृत्यु दर, स्कूलों में उपस्थिति और संपत्ति स्वामित्व जैसे बिंदुओं के आधार पर गरीबी का आकलन किया। इन सभी पैमानों पर गाजियाबाद ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है.

गाजियाबाद की प्रति व्यक्ति आय और अर्थव्यवस्था

गाजियाबाद जिले की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2021-22 में ₹95,216 आंकी गई, जो कि राज्य के अन्य जिलों के मुकाबले काफ़ी अधिक है. हालांकि इस मामले में नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) शीर्ष पर है, लेकिन गाजियाबाद भी तेज़ी से उभर रहा है.

यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से औद्योगिक क्षेत्र और कृषि क्षेत्र पर आधारित है. इसके अलावा रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग हब के तौर पर भी गाजियाबाद ने अपनी खास पहचान बनाई है.2022 में जिले में अपराध दर 266.2 प्रति एक लाख जनसंख्या रही, जो राज्य के औसत के मुकाबले संतुलित मानी जाती है.

अन्य अमीर जिले कौन-कौन से हैं?

लखनऊ: यहां 2016 में गरीबी दर 12% थी, जो 2021 तक घटकर 9% रह गई.

कानपुर: 2015-16 में यहां 86% आबादी संपन्न थी, अब केवल 9% गरीब बचे हैं.

गौतम बुद्ध नगर (नोएडा): GDP और प्रति व्यक्ति आय में यह जिला पूरे राज्य में शीर्ष पर है. स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि और निर्माण जैसे क्षेत्रों ने यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है.

मेरठ और आगरा: इन जिलों की प्रति व्यक्ति आय और GDP भी राज्य के औसत से कहीं बेहतर है.

गाजियाबाद क्यों बना सबसे खास?

गाजियाबाद की खासियत यह है कि यहां की इंडस्ट्रियल ग्रोथ, बुनियादी सुविधाएं, बेहतर स्कूल-कॉलेज, हेल्थ केयर सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश ने इसे राज्य के अन्य जिलों से अलग खड़ा कर दिया है. NCR (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) से सटे होने के कारण भी इसका विकास तेज़ी से हुआ है.

ये भी देखिए: समंदर, बीच और एडवेंचर का मज़ा! भारतीयों के लिए खुला एक नया स्वर्ग! बिना वीज़ा घूमने जा सकेंगे इस खूबसूरत द्वीप देश

Tags: