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पैर में बेड़ियां, हाथों में हथकड़ी... अमेरिक से कैसे लाए गए भारतीय? देखिए पूरी VIDEO

संयुक्त राज्य अमेरिका ने जिस तरीके से अवैध भारतीय प्रवासियों के पहले जत्थे को निर्वासित किया है उस पर भारत में आक्रोश जाग उठा है और इस बीच 104 लोगों को हथकड़ी लगाकर उनके पैरों में बेड़िया डालकर लगभग एक दिन तक विमान में यात्रा के दौरान बिठाया गया उसका वीडियो भी सामने आ चुका है.

नई दिल्लीः संयुक्त राज्य अमेरिका ने जिस तरीके से अवैध भारतीय प्रवासियों के पहले जत्थे को निर्वासित किया है उस पर भारत में आक्रोश जाग उठा है और इस बीच 104 लोगों को हथकड़ी लगाकर उनके पैरों में बेड़िया डालकर लगभग एक दिन तक विमान में यात्रा के दौरान बिठाया गया उसका वीडियो भी सामने आ चुका है. 

जिस पर अमेरिका की बोर्ड पेट्रोल पुलिस (यूएसबीपी) के माइकल डब्ल्यू बैंक्स ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर एक वीडियो साझा करते हुए बताया, 'यूएसबीबी और उसके सहयोगी ने अवैध विदेशियों को सफलतापूर्वक भारत वापस भेजा, जो सैन्य परिवहन का उपयोग करते हुए अब तक की सबसे लंबी निर्वासन उड़ान थी. यह मिशन आव्रजन कानूनों को लागू करने और त्वरित निष्कासन सुनिश्चित करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है. यदि आप अवैध रूप से सीमा पार करते हैं, तो आपको हटा दिया जाएगा.'

घंटों तक बेड़ियों में बांधे रखा

निर्वासित भारतीय प्रवासियों ने बताया कि 40 घंटे तक उन्हें हथकड़ी और रस्सी से बांधकर रखा गया था. उनको पैरों में जंजीर लगी हुई थी. हिलने तक को नहीं दिया जा रहा था. उन्होंने बताया कि उन्हें शौचालय जाने तक के लिए अनुरोध करना पड़ रहा था और अगर उन्हें अनुमति मिल भी जाती तो उन्हें खुद को घसीट कर शौचालय तक जाना पड़ता. क्रु मेंबर उनके लिए शौचालय का दरवाजा खोल देता और उन्हें अंदर धकेल देता.

 

 

प्रवासियों ने बताई दुख भरी आप बीती

अमेरिका से भारत के लिए विमान कल रात अमृतसर पंजाब के लिए रवाना हुआ था जिसे दोपहर अमृतसर में उतर गया. वहीं जैसे-जैसे 104 भारतीयों से उनके इस यात्रा के बारे में बात की उनकी वह दुख भरी कहानी सुनकर किसी की रूह तक कांप जाए ऐसी दास्तान थी.

बातचीत के दौरान पंजाब के गुरदासपुर के 36 वर्षीय जसपाल सिंह ने कहा कि उसने एक एजेंट को 30 लाख रुपये अमेरिका के लीगल रास्ते से जाने के लिए दिए थे मगर बाद में उसे डंकी के रास्ते जाने पर मजबूर कर दिया गया. जो की एक अवैध और बेहद खतरनाक रास्ता था. जिसमें पहले दक्षिण अमेरिका की यात्रा शामिल थी. जिसका प्रयोग तस्करी के लिए किया जाता है.

वहीं होशियारपुर के रहने वाले हरविंदर सिंह ने बताया कि पिछले साल अगस्त में वह अमेरिका गए थे उस बीच उन्हें डंकी करते हुए कतर, ब्राजील, पेरू, कोलंबिया, पनामा, निकारागुआ और फिर मैक्सिको के माध्यम से ले जाया गया। जिसके बाद मेक्सिको से उन्हें और उनके अन्य साथियों को अमेरिका पहुंचाया गया था.

हरविंदर सिंह ने बताया कि वह कैसे पहाड़ियों को पार कर एक नाव के सहारे उन्हें और उनके अन्य साथियों को ले जाया जा रहा था.समुद्र में कितनी बार उन्होंने मौत का सामना किया लेकिन वह बच गए. उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई लोगों की मौत देखी.‌ 

शुरू हुआ नेताओं का हड़ताल 

गौरतलब है कि इन निर्वासन के तरीके ने भारत में विपक्षी सांसदों की उग्र प्रतिक्रिया को जन्म दिया. जिसकी वजह से कांग्रेस के राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव के नेतृत्व में कई विपक्षी सांसद आज सुबह संसद के बाहर तख्तियां लहराते हुए खड़े हो गए. जिन पर लिखा था 'कैदी नहीं, इंसान' अपनी बात रखने के लिए हथकड़ी और बेड़ियों के साथ खड़े थे. 

एक अन्य कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मुद्दे पर विपक्ष की स्थिति को रेखांकित करते हुए कहा, "यदि आप अवैध रूप से अमेरिका में हैं, तो अमेरिका को आपको निर्वासित करने का अधिकार है. और यदि एक भारतीय के रूप में आपकी पहचान की पुष्टि हो जाती है तो भारत का आपको स्वीकार करने का दायित्व है. हालाँकि, यह सुनना अच्छा नहीं था कि उन्हें एक सैन्य विमान में वापस लाया गया और हथकड़ी लगाई गई... यह काफी अनावश्यक था.

 

 

वहीं आम आदमी पार्टी के मालविंदर सिंह जैसे कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी जंजीरों और जंजीरों के उपयोग की आलोचना की‌ और एक ऐसा मुद्दा जो कोलंबिया द्वारा उस देश में अमेरिकी निर्वासन उड़ानों को कोलंबियाई नागरिकों के साथ शालीन व्यवहार नहीं करने के लिए उतरने की अनुमति देने से इनकार करने के बाद उठाया गया था.

कोलंबिया और अमेरिका ने अवैध प्रवासियों को कोलंबियाई सैन्य विमानों द्वारा अमेरिका से वापस लाने की अनुमति देने के लिए एक समझौता किया इस मुद्दे को श्रीमती गांधी वाड्रा ने उठाया और संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'क्या हम उन्हें वापस लाने के लिए अपना विमान नहीं भेज सकते थे? क्या मनुष्यों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है? उन्हें हथकड़ी लगाकर वापस भेज दिया जाता है? इस बर्ताव पर पीएम को जवाब देना चाहिए'.

वहीं सरकार ने अब तक विपक्ष द्वारा मांगी गई चर्चा के लिए निर्धारित कार्य को अलग रखने से इनकार कर दिया है, लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर आज सदन में इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे.

 

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