BREAKING:
बिहार में 2 चरणों में होंगे चुनाव, 6 और 11 नवंबर को वोटिंग, 14 नवंबर को आएंगे नतीजे       बिहार चुनाव के बाद कितने नंबर पर होगी जन सुराज? चीफ प्रशांत किशोर ने कर दिया ये दावा       जले रनवे ही है तुम्हारी जीत... शहबाज शरीफ के झूठे दावों पर भारत का पलटवार, UNGA में पाकिस्तान को जमकर धोया       क्या आपके प्राइवेट फोटोज हो रहे हैं ऑनलाइन लीक? अब इसे खूद रोकेगा Google, जानिए कैसे       क्या बनने जा रहा 'इस्लामिक नाटो'? सऊदी अरब-पाकिस्तान रक्षा समझौता - भारत के लिए क्या है इसका मतलब?       क्या है मालदीव का नया मीडिया कानून और इसे लेकर पत्रकार और विपक्ष क्यों कर रहे हैं विरोध?       क्या सॉफ्टवेयर हटा सकता है मतदाताओं के नाम, राहुल गांधी के दावों में कितना है दम?       हिंडनबर्ग की रिपोर्ट साबित हुई झूठी, SEBI ने अडानी ग्रुप को दिया क्लीन चिट - 'सभी ट्रांजैक्शन वैध और पारदर्शी'       बिहार में युवाओं को मिलेगा ₹1000 महीना, चुनाव से पहले CM नीतीश को तोहफा, जानिए कौन उठा सकता है लाभ       महंगी गाड़ियां, सेक्स और करोड़ों की कमाई... चीन में बौद्ध भिक्षुओं के घोटाले उजागर      

Hyderabad नहीं रही अब आंध्र प्रदेश की राजधानी, जनिए कहां से चलेगी अब राज्य की शासन-व्यवस्था

अब तक हैदराबाद दो राज्यों- तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की साझा राजधानी थी, लेकिन ये अब सिर्फ तेलंगाना की राजधानी होगी. दरअसल, 2014 में आंध्र प्रदेश का बंटवारा होने के बाद हैदराबाद को 10 साल के लिए दोनों राज्यों की राजधानी बनाया गया था.

देश के सबसे बड़े महानगरों में से एक हैदराबाद अब आंध्र प्रदेश की राजधानी नहीं कहलाएगी, इसे अब बस तेलंगाना की राजधानी के रुप में जाना जाएगा. दरअसल, 2014 में आंध्र प्रदेश का बंटवारा होने के बाद हैदराबाद को 10 साल के लिए दोनों राज्यों की राजधानी बनाया गया था.

बता दें कि, 2 जून 2014 को आंध्र से अलग होकर तेलंगाना 29वां राज्य बना था. चूंकि हैदराबाद तेलंगाना में ही स्थित है, इसलिए  हैदराबाद सिर्फ तेलंगाना की राधधानी रहेगा. तेलंगाना राज्य के गठन की मांग दशकों से की जा रही थी. 

तेलंगाना के सीएम ए. रेवंत रेड्डी ने पिछले महीने अधिकारियों से कहा था कि वे 2 जून के बाद हैदराबाद में सरकारी गेस्ट हाउस लेक व्यू जैसी इमारतों को अपने कब्जे में ले लें, जिन्हें 10 साल की अवधि के लिए आंध्र प्रदेश को दिया गया था. दरअसल, विभाजन होने के दस साल बाद भी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच परिसंपत्तियों के विभाजन जैसे कई मुद्दे अभी भी अनसुलझे हैं.

आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में कहा गया है कि 2 जून 2014 से हैदराबाद शहर को दस साल की अवधि के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य की साझा राजधानी माना जाएगा.

इसमें आगे कहा गया है कि दस सालों की इस अवधि की समाप्ति के बाद हैदराबाद को तेलंगाना राज्य की राजधानी माना जाएगा. इसमें आगे कहा गया है कि आंध्र प्रदेश राज्य के लिए दस सालों की इस अवधि के बाद एक नई राजधानी होगी.

हालंकि, अब तक आंध्र प्रदेश की राजधानी कहां होगी. इसकी घोषणा नहीं की गई है. इस पर अभी भी संशय बना हुआ है. उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनाव के बाद इसका फैसला राज्य की सरकार करेगी, जिसमें केन्द्र का भी हस्तक्षेप होगा.

ये भी देखिए: रोजगार के मामले में पुरुषों से आगे हो रही हैं महिलाएं, बदल रही है भारत की तस्वीर, बदल रहा है लोगों का नजरिया