घुट-घुट कर जीने को मजबूर middle class! बेंगलुरु के CEO ने बताया- भारत में मध्यम वर्ग के साथ कैसे हो रहा बड़ा स्कैम?
Middle-Class Salary Crisis Biggest scam: भारत में मिडिल क्लास की कमाई जहां सालों से लगभग एक जैसी बनी हुई है, वहीं महंगाई लगातार आसमान छू रही है. इसी मुद्दे पर PeepalCo ग्रुप के CEO, अशीष सिंघल ने LinkedIn पर एक पोस्ट लिखकर लोगों का ध्यान खींचा है. उन्होंने इसे 'वो सबसे बड़ा स्कैम बताया, जिसके बारे में कोई बात नहीं करता.'

Middle-Class Salary Crisis Biggest scam: भारत में मिडिल क्लास में जीने वालों की बात शायद ही कोई करता हो. ये न तो अमीरों वाली इज्जत के हकदार हो पाते हैं और न ही गरीबों वाली योजनाओं के हकदार... इस बीच लिंक्डइन पर वायरल एक पोस्ट ने भारत के मिडिल क्लास के सामने मौजूद खामोश संकट पर बहस छेड़ दी है.
बेंगलुरु के एक CEO ने लिखा कि बढ़ते खर्चों और स्थिर वेतन के साथ, यह समूह चुपचाप आर्थिक झटके को झेल रहा है, बिना किसी राहत पैकेज, बिना किसी सुर्ख़ियों और बमुश्किल किसी बातचीत के... ये पोस्ट पढ़कर शायद इस देश में रहने वाले करोड़ो मिडिल क्लास की आंखें भर आई होगी.
CEO आशीष सिंघल ने लिखा, 'सबसे बड़ा घोटाला जिसके बारे में कोई बात नहीं करता? मिडिल क्लास की सैलरी सबसे बड़ा छुपा हुआ घोटाला है.
पिछले 10 सालों में क्या हुआ:
- ₹5 लाख सालाना से कम कमाने वालों की आमदनी – सालाना सिर्फ 4% की दर से बढ़ी.
- ₹5 लाख से ₹1 करोड़ सालाना कमाने वालों की आमदनी – सिर्फ 0.4% की दर से बढ़ी, यानी लगभग ठप.
- खाने-पीने की चीजों के दाम – 80% तक बढ़ गए.
- खरीदने की ताकत (Purchasing Power) – लगभग आधी रह गई.
- खर्चे कैसे बढ़े? – क्रेडिट (उधारी) के सहारे.
Ashish Singhal ने आगे कहा, 'ये कोई ताबड़तोड़ गिरावट नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित गिरावट है... आप साल में एक बार अब भी फ्लाइट से सफर कर रहे हैं. आप नया फोन अब भी खरीद रहे हैं. EMI अब भी हर महीने भर रहे हैं, लेकिन… ये सब करने के लिए आप क्या कर रहे हैं? बचत करना छोड़ दी है. डॉक्टर के पास जाना टाल रहे हैं... यानी ज़िंदगी की बुनियादी ज़रूरतों को टालकर दिखावे की ज़िंदगी जी रहे हैं.'
उन्होंने दावा किया कि जहां मिडिल क्लास संघर्ष कर रहा है. AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पिछले 10 सालों में 7 गुना बढ़ गया है. उन्होंने आगे कहा, 'अमीर लोग और आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन मिडिल क्लास से बस उम्मीद की जा रही है कि वो सब झेले – चुपचाप... ना कोई शिकायत कर सकता है, ना कोई मदद मिलने वाली है... बस महंगाई, ईएमआई और अंदर ही अंदर बढ़ता दबाव...'
भारत में किस वेतन को मध्यम वर्ग माना जाता है?
भारत में 'मध्यम वर्ग' (Middle Class) की कोई एक आधिकारिक या सार्वभौमिक परिभाषा नहीं है, लेकिन अर्थशास्त्रियों और नीति विश्लेषकों ने आमदनी के आधार पर कुछ मोटे मानक तय किए हैं.
भारत में मिडिल क्लास की सैलरी कितनी है?
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) और नीति आयोग जैसे स्रोतों के अनुसार, मासिक आय ₹25,000 से ₹1,00,000 के बीच कमाने वाले परिवारों को मध्यम वर्ग में गिना जाता है यानी सालाना आय ₹3 लाख से ₹12 लाख के बीच. वहीं Pew Research Center की रिपोर्ट (2021) के अनुसार, महीना ₹25,000 – ₹50,000 तक कमाने वाला व्यक्ति भारत में मध्यम वर्ग कहलाता है.
क्या 1 CR भारत में मध्यम वर्ग नहीं है?
नहीं, ₹1 करोड़ सालाना कमाने वाला व्यक्ति भारत में मध्यम वर्ग नहीं माना जाता क्योंकि ₹1 करोड़ मतलब कितना? महीने का करीब ₹8.3 लाख... ये आम भारतीय की कमाई से कई गुना ज्यादा है. आमतौर पर ₹5 लाख से ₹20 लाख सालाना कमाने वाले लोग मध्यम वर्ग में आते हैं.
ये भी देखिए: क्या फोन पर इलाज या दवा लिखना डॉक्टरों की लापरवाही है? जानिए हाई कोर्ट ने इसे लेकर क्या कहा