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पहलगाम आतंकी हमले का भारत कैसे देगा जवाब? जानिए आतंकवाद और पाकिस्तान पर क्या है मोदी का एक्शन प्लान

Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. देश इसे सिर्फ नागरिकों के जान जाने भर से नहीं देख रहा, बल्कि स्वाभिमान पर लगी गहरी चोट की तरह देख रहा है. ऐसे में जनता उम्मीद कर रही है सरकार इसे लेकर की जवाबी कार्रवाई जल्द करे.

Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को 28 नागरिकों की निर्मम हत्या के बाद भारत एक गंभीर और कड़े जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के पालतू आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. ये संगठन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़ा है. 

यह नरसंहार पहलगाम के पास बसे बैसारन क्षेत्र में हुआ और 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे भीषण हमला माना जा रहा है. फर्क सिर्फ इतना है कि पुलवामा में सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया था, जबकि इस बार आम नागरिकों को भी जानबूझकर टारगेट किया गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की राजकीय यात्रा पर थे. हमले की खबर मिलते ही दौरा बीच में छोड़कर भारत लौट आए. दिल्ली एयरपोर्ट पर ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ आपात बैठक की. सूत्रों के अनुसार मोदी ने सख्त लहजे में कहा, 'इस कायराना हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.'

गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को हमले की जगह का दौरा किया और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. भारी सुरक्षा के बीच उन्होंने बैसारन क्षेत्र में मौजूद अधिकारियों से मौजूदा हालात और चल रहे ऑपरेशनों की जानकारी ली.

पहलगाम टेरर अटैक पर भारत की रणनीतिक तैयारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर भारत एक ऐसे एक्शन प्लान को लेकर तैयारी कर रहा है, जिसमें सैन्य (kinetic) और गैर-सैन्य (non-kinetic) दोनों ऑप्शन हो, यानी सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे.

सीमा संघर्ष का खतरा:  2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई नियंत्रण रेखा (LoC) पर संघर्षविराम अब खतरे में है. एशिया में हो रही घटनाओं पर नजर रखने वाले आले अमेरिकी एक्सपर्ट्स l माइकल कुगेलमैन ने कहा, 'LoC पर अब कोई भरोसा नहीं बचा.'

भारत की ओर से सैन्य एक्शन प्लान: 2016 और 2019 के बाद भारत ने दो बार सीमा पार जाकर जवाबी कार्रवाई की थी—उरी सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक. इस बार आम नागरिकों पर हमले ने भारत को दोबारा अपनी नीति परखने को मजबूर किया है.

जियो पॉलिटिकल असर: यह हमला उस वक्त हुआ जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर थे और प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब में थे. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर मुद्दे को उछालना था. पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने इसे 'हमास के 7 अक्टूबर के हमले' जैसा बताया है.

भारत की पिछली जवाबी कार्रवाई 

उरी सर्जिकल स्ट्राइक (2016): सेना पर हमले के 11 दिन बाद भारतीय विशेष बलों ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर हमला किया.

बालाकोट एयरस्ट्राइक (2019): पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के भीतर जाकर जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग सेंटर को निशाना बनाया.

इन दोनों कार्रवाइयों का मकसद पाकिस्तान को सजा देना, मैसेज देना, लेकिन युद्ध को टालना था. पहलगाम हमला अब इस नीति की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर रहा है.

पाकिस्तानी आर्मी चीफ और पहलगाम हमले का कनेक्शन

भारतीय खुफिया एजेंसियां अब पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के हालिया बयानों की गहराई से जांच कर रही हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था, ' कश्मीर पाकिस्तान की शिरा है. हम इसे नहीं भूलेंगे.' 

भारत का मानना है कि यह बयान किसी संयोग से नहीं आया था, बल्कि यह एक तरह का 'dog-whistling' था—यानि इशारा, जिससे आतंकी संगठनों को मैसेज मिले कि कार्रवाई की जाए. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'उन्हें बस इतना कहना था कि ‘शिरा हमारी है’—बाकी काम उनके पाले हुए गुट खुद समझ गए.' 

TRF का हमला और उसके पीछे का पैटर्न

TRF, जो लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा संगठन है, ने हमले की जिम्मेदारी ली है. माना जाता है कि ISI इसके पीछे है और यह पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी से बचाने का तरीका है.

खबरों के मुताबिक हमलावरों ने पीड़ितों से इस्लामी आयतें पढ़वाने की कोशिश की और जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें करीब से गोली मार दी गई. कुछ दिन पहले लश्कर कमांडर अबू मूसा ने पाकिस्तान के रावलकोट में रैली कर कहा था, 'जिहाद जारी रहेगा, बंदूकें गरजेंगी और सर कलम होंगे.'

भारतीय एजेंसियों का मानना है कि यह सब पाकिस्तानी सेना के उच्च अधिकारियों की वैचारिक सहमति से हो रहा है.

भारत आगे क्या कर सकता है?

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा.  दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा. ऐसे भारत के महाशक्ति है जिसके पास कई ऑप्शन है. पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है तो भारत जैसे चाहे वैसे जवाब देने में सक्षम है. 

गैर-सैन्य उपाय:

2021 के LoC सीज़फायर को रद्द करना.

सिंधु जल संधि को फिर से परिभाषित करना या निलंबित करना.

FATF (Financial Action Task Force) में पाकिस्तान को फिर से ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डलवाने की कोशिश करना.

कूटनीतिक अभियान के जरिए पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर अलग-थलग करना.

अपनी सुरक्षा को और भी पुख्ता करने जैसे उपाय:

साइबर ऑपरेशन: ISI की डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाना

AI-आधारित 'स्मार्ट बॉर्डर' सुरक्षा: सेंसर और ड्रोन से घुसपैठियों को रोकना.

मैसेज वार: TRF की बर्बरता और पाकिस्तानी भाषणों को दुनिया के सामने उजागर करना.

सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान और आतंकवाद की कमर तोड़ना: 

भारत की संभावित प्रतिक्रिया तीन स्तरों पर हो सकती है:

तत्काल सैन्य जवाब: बालाकोट/उरी जैसे सीमित लेकिन निर्णायक स्ट्राइक

सीक्रेट एक्शन प्लान: RAW या विशेष बलों द्वारा TRF हैंडलर्स को निशाना बनाना

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