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पलक झपकते सबकुछ खाक, भारत के लेजर हथियार से उड़ी पाकिस्तान की नींद, जानिए क्या है इसमें खास? | देखिए VIDEO

Laser-Based Weapon System: भारत ने ड्रोन और मिसाइल जैसे हवाई खतरों को निष्क्रिय करने में सक्षम 30 किलोवाट की लेजर हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण कर रक्षा तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. DRDO द्वारा विकसित यह निर्देशित-ऊर्जा हथियार अब भारतीय सेना में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है.

Laser-Based Weapon System: भारत की रक्षा प्रणाली में एक ऐसी महाशक्ति जुड़ गई है, जो पाकिस्तान समेत कई दुश्मन देशों की हवा टाइट कर देगी. लेजर से वार तो आप सुनते ही होंगे, लेकिन अब भारत ने इसे डेवलप कर लिया है. ये 30 किलोवाट की लेजर आधारित वेपन सिस्टम फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट, मिसाइलों और झुंड ड्रोन को पलक झपकते ही खाक करने की ताकत रखता है. 

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इस निर्देशित-ऊर्जा हथियार (DEW) को विकसित किया है. अब ये भारतीय सेना में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार है. DRDO चीफ डॉ. समीर वी. कामत ने कहा, 'यह तो हमारी यात्रा की महज़ शुरुआत है.'

उन्होंने आगे कहा, 'हम उच्च ऊर्जा माइक्रोवेव्स और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स जैसी अन्य एडवांस्ड हाई-एनर्जी प्रणालियों पर भी कार्य कर रहे हैं. हम कई ऐसी अत्याधुनिक तकनीकों को विकसित कर रहे हैं जो हमें 'स्टार वार्स' जैसी क्षमताएं प्रदान करेंगी. आज आपने जो देखा, वह उन स्टार वार्स तकनीकों का एक छोटा सा हिस्सा था.'

इन देशों में शामिल हुआ भारत

लेजर आधारित वेपन सिस्टम डेवलप करने भारत ने एक और उपलब्धि हासिल कर लिया है. भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस सहित उन देशों के एक विशिष्ट समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास उन्नत लेजर हथियार क्षमताएं हैं. 

लेजर आधारित वेपन सिस्टम में क्या है खास?

1. 30 किलोवाट की लेजर हथियार प्रणाली को 5 किलोमीटर की सीमा के भीतर ड्रोन और हेलीकॉप्टर जैसे हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

2. इसमें कॉम्यूनिकेशन और सैटेलाइट सिग्नल को जाम करने सहित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर कैपेब्लिटी हैं. यह जमीन और हवा दोनों जगहों से काम कर सकता है. 

3. यह सिस्टम सटीक लक्ष्यीकरण के लिए 360-डिग्री इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (ईओ/आईआर) सेंसर से लैस है और इसे हवाई, रेल, सड़क या समुद्र के माध्यम से तेज़ी से तैनात किया जा सकता है.

4. यह बेहद सटीक है और लक्ष्य को बिना किसी साइड डैमेज के मार गिराने में सक्षम होते हैं. यह लेज़र हथियार बिना किसी शोर के काम करते हैं, जिससे यह दुश्मन के लिए अचानक हमला करने का एक प्रभावी तरीका बन जाता है.

5. एक बार सिस्टम तैनात हो जाने के बाद, हर फायर की लागत पारंपरिक मिसाइल या गोला-बारूद की तुलना में बेहद कम होती है. 

6. लेज़र प्रकाश की गति से चलता है, जिससे यह बेहद तेज़ी से लक्ष्य को भेद सकता है — लगभग रियल-टाइम में प्रतिक्रिया. 

7. इन हथियारों को चलाने के लिए पारंपरिक बारूद की आवश्यकता नहीं होती — सिर्फ बिजली चाहिए.

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