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Bihar: वक्फ बोर्ड ने पूरे गांव को अपनी संपत्ति की घोषित, 95% आबादी है हिंदू, 30 दिनों में खाली करने का फरमान

Bihar: पटना से सटे गांव गोविंदपुर से एक गंभीर मामला सामने आया है. जहां 95% आबादी हिंदू की है. इस पूरे ही गांव पर बिहार वक्फ बोर्ड ने धावा बोल दिया है और इसे अपनी संपत्ति घोषित कर दी है.

Bihar: बिहार से एक चौंकाने वाला मामला सामने आ रहा है. जहां एक ओर बिहार सरकार जमीन सर्वे कराने में लगी है. वहीं राजधानी पटना (Patna) से सटे एक पूरे गांव गोविंदपूर (Govindpur) को ही बिहार वक्फ बोर्ड (Bihar Waqf Board) ने अपनी संपत्ति घोषित कर दी है. इसे लेकर ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है. इसके साथ ही वक्फ बोर्ड ने गांव में ही एक बड़ा बोर्ड भी लगा रखा है. 

बिहार वक्फ बोर्ड ने 95% हिंदू आबादी वाले पूरे गांव को अपनी संपत्ति घोषित कर दी है. वक्फ बोर्ड ने ग्रामीणों को 30 दिनों के भीतर अपनी जमीन और घर खाली करने का आदेश दिया है. वहीं लोगों का कहना है कि वह सालों से बने घरों में रह रहे हैं. फिर कैसे ये जमीन बिहार वक्फ बोर्ड की हो गई. आक्रोशित ग्रामीणों आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड इसी तरह के गैरकानूनी काम पूरे देश में कर रहा है.

कोर्ट कोई सबूत नहीं दिखा पाया वक्फ बोर्ड 

वक्फ बोर्ड की इस घोषणा के बाद पीड़ित ग्रमीण अधिकारियों का चक्कर लगाते रहे लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद उन्होंने पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जहां वक्फ बोर्ड अपने दावे को लेकर एक भी सबूत पेश नहीं कर सका. जिसके बाद पीड़ित ग्रामीणों को तत्काल राहत पटना हाई कोर्ट से मिली है. हालांकि लोग अभी भी डरे और सहमें हुए हैं. उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड के पास असीमित शक्तियां हैं और कल को वह कुछ भी कर सकते हैं. 

लोगों ने मांगे सबूत तो थमाया उर्दू में लिखा कागज का टुकड़ा 

मीडिया से बात करते हुए ग्रमीणों ने कहा कि ये सारी जमीन हम लोगों की पुश्तैनी खतियान की जमीन है. इसका सर्वे 1908 में हुआ था. उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड की तरफ से लगातार उन्हें नोटिस आ रहा था. जब लोगों ने वक्फ बोर्ड से जमीन पर दावे का सबूत मांगा तो उन्होंने उर्दू में लिखा एक कागज का टुकड़ा लोगों को दिखाया, जिसमें कुछ भी साफ नहीं दिख रहा था. जब लोगों ने हिंदी में इसका अर्थ बताने को कहा तो उन्होंने कहा कि नहीं कर सकते हैं. इससे वक्फ बोर्ड की मनसा उन्हें समक्ष आ गई. 

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