Raksha Bandhan पर Zomato ने Blinkit को कहा 'एडॉप्टेड बहन', फिर ब्लिंकिट का जवाब सुन आ गई सबको हंसी
Zomato-Blinkit on Raksha Bandhan:ब्लिंकिट और ज़ोमैटो की रक्षाबंधन पर मजेदार बातें सभी को हंसा रही है. उनकी बातों में दोनों भाई-बहनों के बीच के खूबसूरत बंधन साफ तौर पर दिख रहा है.

Zomato-Blinkit on Raksha Bandhan: आज पूरे देश में लोग रक्षाबंधन मना रहे हैं. यह त्यौहार भाई-बहनों के बीच प्यार और सुरक्षा के बंधन का जश्न है. जहां बहनें अपने भाई की कलाई पर पवित्र धागा बांधती हैं और भाई अपनी बहन पर प्यार लुटाते हुए उनकी रक्षा करने का वादा करता है. इस त्योहार को लोकप्रिय फ़ूड डिलीवरी ऐप ज़ोमैटो और ब्लिंकिट ने बेहद खास अंदाज में मनाया. उनके बीच की मज़ेदार बातें सुन सबके चेहरे पर मुस्कान आ गई. इनकी बातें अब इंटरनेट पर वायरल हो रहा है.
रक्षाबंधन पर ऑनलाइन ग्रोसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट और इसकी मूल संस्था जोमैटो के बीच हुई बातचीत ने सोशल मीडिया यूजर्स को खूब हंसाया. एक्स पर एक पोस्ट में ज़ोमैटो ने ब्लिंकिट को शुभकामनाएं देते हुए कहा, "हैप्पी राखी गोद ली हुई बहन, ब्लिंकिट." और साथ में एक किस इमोजी भी भी भेजा. इसके जवाब में बहन ब्लिंकिट ने बड़े ही मजाकिया अंदाज में लिखा, "एडॉप्टेड नहीं बल्कि एक्वायर्ड होता है...इतना बड़ा होगा पता नहीं कब सीखेगा."
यूजर्स ले रहे हैं मजे
कई इंटरनेट यूजर्स ने वायरल पोस्ट पर मजेदार कमेंट किए हैं. एक यूजर ने लिखा, "ब्लिंकिट में से राखी लेने पर ज़ोमैटो फ्री डिलीवरी देता है?" जबकि दूसरे ने लिखा, "अक्वायर्ड नहीं, विरासत में मिला होता है.. दोनों बच्चे के बच्चे ही रह गए." तीसरे यूजर ने लिखा, "दोनों के लिए चीजें अच्छी चल रही हैं, अडॉप्टेड और अक्वायर्ड."
ज़ोमैटो 2008 और ब्लिंकिट 2013 में हुई थी शुरू
अलबिंदर ढींडसा और सौरभ कुमार ने 2013 में ब्लिंकिट की स्थापना की, जिसे पहले ग्रोफ़र्स के नाम से जाना जाता था. ज़ोमैटो ने 2022 में कुल 568 मिलियन अमेरिकी डॉलर की इक्विटी में ब्लिंकिट को खरीद लिया. दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा ने 2008 में वैश्विक रेस्तरां एग्रीगेटर और फूड डिलीवरी सेवा ज़ोमैटो की शुरुआत की थी.
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