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kolkata doctor case: क्या है Reclaim the Night? पश्चिम बंगाल समेत देशभर में रात को सड़क पर उतरीं महिलाएं

kolkata doctor case: कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में 'रीक्लेम द नाइट' के तहत स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले रात में कोलकाता समेत देश के कई इलाकों महलाएं बाहर निकलकर महिलाओं की सुरक्षा की मांग कर रही. इस दौरान उन्होंने जल्द ही दोषी पर कारवाई करने की मांग भी की है.

kolkata doctor case: पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (RG Kar Medical College and Hospital) में ट्रेनी डॉक्टर संग हुए दुष्कर्म और मर्डर मामले में न्याय की मांग को लेकर देशभर में प्रदर्शन जारी है. 'रीक्लेम द नाइट' (Reclaim the Night) के जरिए 15 अगस्त की पूर्व संध्या पर आधी रात को पश्चिम बंगाल समेत देशभर के कई इलाकों में महिलाएं बाहर निकलकर अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. 

घटना के खिलाफ 'रीक्लेम द नाइट' (Reclaim the Night) के जरिए विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं. इसे लेकर कोलकाता के श्यामबाजार इलाके,  जादवपुर, कोलकाता और सिलीगुड़ी में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया. कोलकाता में भारी संख्या में महिला डॉक्टर्स सहित अन्य रेजिडेंट ने एम्स के गेट नंबर-2 के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को व्यापक बनाने के लिए हर जगह महिलाएं पोस्टर लेकर महिलाओं की सुरक्षा की मांग कर रही हैं. 

क्या है रीक्लेम द नाइट और कब हुई थी शुरूआत? 

'रीक्लेम द नाइट' की शुरुआत 1970 के दशक में शुरू हुई थी. जर्मनी में महिलाओं ने 30 अप्रैल 1977 को सड़क पर उतरकर देश में बढ़ रही यौन उत्पीड़न के खिलाफ प्रदर्शन किया था और अपने विरोध को 'टेक बैक द नाइट' नाम दिया. इसी से प्रेरणा लेते हुए ब्रिटेन की महिलाओं ने विरोध के लिए अपना खुद का 'रीक्लेम द नाइट' मार्च बनाने का फैसला लिया. यहीं से इस विरोध प्रदर्शन की शुरूआत हुई थी. भारत में भी इस तरह का प्रदर्शन साल 2012 में तब हुआ जब दिसंबर में निर्भया कांड ने पूरे देश को हैरान कर दिया था.

मामले की जांच कर रही है सीबीआई

कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले को कोलकाता पुलिस से जांच स्थानांतरित कर सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, जिसके मामले की जांच सीबीआई कर रही है. कोर्ट ने पुलिस के अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का बयान दर्ज करने में देरी करने के तर्क पर सवाल उठाया था.

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की निंदा करते हुए अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस ले ली है. FORDA ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा उनकी मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद अपने फैसले की घोषणा की. 

स्वास्थ्य मंत्री के साथ FORDA की बैठक

स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक में FORDA को आश्वासन दिया गया कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की जाएगी. इससे पहले दिन में एम्स दिल्ली की ओर से एक ज्ञापन में उन्हें याद दिलाया गया कि विरोध प्रदर्शन और हड़ताल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ हैं और इससे न्यायालय की अवमानना ​​हो सकती है.

अखिल भारतीय चिकित्सा संघ महासंघ (FAIMA) सहित अन्य डॉक्टर संघों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को लागू नहीं किया जाता और कोई ठोस समाधान नहीं निकाला जाता, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. 

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