राष्ट्रपति भवन में दो हॉल का बदला नाम, दरबार हॉल और अशोक हॉल बना इतिहास, जानिए क्या है नया नाम
President House: आज अंग्रेजों की दी गई निशानी को पूरी तरह मिटाने के मकसद से सरकार ने राष्ट्रपति भवन स्थित 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' को बदलने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले को लेकर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सहमती जताई है.

President House: राष्ट्रपति भवन में स्थित 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' के नाम को सरकार ने बदल दिया है. आज राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के कार्यकाल के दो साल हो गए हैं. इस खास अवसर पर नाम बदलने को लेकर घोषणा की गई है. अब 'दरबार हॉल' को 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक हॉल' को 'अशोक मंडप' के नाम से जाना जाएगा. सरकार ने इन नामों को बदलने के पीछे दलील दी है कि ये नाम हमें अंग्रेजों की निशान की याद दिलाते हैं. वहीं दोनों जगहों को दिया गया नाम अंग्रेजीकरण के निशान मिटाता है.
'अशोक मंडप' की खासियत
राष्ट्रपति भवन के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, अशोक मंडप राष्ट्रपति भवन के अत्यधिक आकर्षक और सुसज्जित कक्षों में से एक है. यह स्थान अब महत्त्वपूर्ण समारोहिक आयोजनों, विदेशों के मिशनों के प्रमुखों के पहचान-पत्र प्रस्तुत करने के लिए प्रयोग किया जाता है जिसे पहले स्टेट बॉल रूम के लिए उपयोग में लाया जाता था. इस कमरे की छत और फर्श दोनों का ही अपना आकर्षण है जबकि फर्श पूर्ण रूप से लकड़ी का बना हुआ है और इसकी सतह के नीचे स्प्रिंग लगे हुए हैं, अशोक हॉल की छतें तैल पेंटिंगों से सुसज्जित हैं.
'गणतंत्र मंडप' की खासियत
राष्ट्रपति भवन के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, 'गणतंत्र मंडप' को 'दरबार हॉल' को पहले थ्रोन रूम के नाम से जाना जाता था. यह वही जगह है जहां पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में स्वतंत्र भारत की प्रथम सरकार ने 15 अगस्त, 1947 को शपथ ली थी. 1948 में सी. राजगोपालाचारी ने भी भारत के गवर्नर जनरल के रूप में दरबार हॉल में शपथ ली थी. अब यहां राष्ट्र के माननीय राष्ट्रपति असैन्य और सैन्य को सम्मानित करते हैं. भारत में नई सरकार के शपथ समारोह भी 'गणतंत्र मंडप' में ही आयोजित किए जाते हैं.
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