यात्रीगण कृपया ध्यान दें! अब 4 घंटे नहीं 24 घंटे पहले आएगा रिजर्वेशन चार्ट, जानिए रेलवे ने क्यों किया ये बड़ा बदलाव
Indian Railways Reservation Chart Update: भारतीय रेलवे अपने रिजर्वेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. अब ट्रेन के चलने से 24 घंटे पहले ही यात्रियों को उनके टिकट की स्थिति (Confirm, RAC या Waiting) का पता चल सकेगा. अभी तक अंतिम चार्ट ट्रेन के छूटने से 4 घंटे पहले तैयार होता है जिससे वेटिंग लिस्ट वालों को आखिरी वक्त तक इंतज़ार करना पड़ता है.

Indian Railways Reservation Chart Update: भारतीय रेलवे एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में है, जिससे करोड़ों यात्रियों को राहत मिलेगी. रेलवे अब अंतिम रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से ठीक 4 घंटे पहले नहीं, बल्कि पूरे 24 घंटे पहले जारी करेगा. अगर यह योजना लागू होती है तो यात्रियों को अपनी टिकट की स्थिति का पता ट्रेन चलने से एक दिन पहले ही मिल जाएगा, जिससे वे वैकल्पिक योजना भी बना सकेंगे.
अभी क्या होता है?
फिलहाल रेलवे ट्रेन के डिपार्चर से करीब 4 घंटे पहले अंतिम चार्ट तैयार करता है. इसका मतलब ये है कि वेटिंग टिकट वालों को ये जानने के लिए आखिरी वक्त तक इंतजार करना पड़ता है कि उनकी सीट कन्फर्म हुई है या नहीं. अगर टिकट कन्फर्म नहीं होती तो उनके पास दूसरा कोई विकल्प तलाशने का वक्त भी नहीं रहता. इससे यात्रियों में तनाव और असमंजस की स्थिति बनी रहती है.
बदलाव क्यों ज़रूरी है?
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा उन यात्रियों को होगा जिनकी टिकट वेटिंग में है. उन्हें 24 घंटे पहले ही पता चल जाएगा कि टिकट कन्फर्म हुई है या नहीं. ऐसे में वे वैकल्पिक ट्रेन, बस या फ्लाइट का इंतज़ाम कर सकते हैं या बुकिंग कैंसल कर सकते हैं.
इससे उन यात्रियों को भी फायदा मिलेगा जो ट्रेन के बीच वाले स्टेशनों से चढ़ते हैं क्योंकि उनके लिए भी चार्ट आखिरी वक्त में बनता है, जिससे भ्रम की स्थिति रहती है.
पायलट प्रोजेक्ट शुरू
रेलवे ने इस सिस्टम के लिए कुछ चुनिंदा रूट्स पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है. इससे यह जांचा जा रहा है कि टिकट कैंसिलेशन, नए बुकिंग और अन्य बदलावों को रियल टाइम में कैसे अपडेट किया जा सकता है ताकि देशभर के टिकटिंग सिस्टम में डेटा एक जैसा रहे.
अभी के नियम के तहत रेलवे ट्रेन प्रस्थान से 4 घंटे पहले पहला चार्ट बनाता है और 30 मिनट पहले दूसरा चार्ट बनाकर उसमें आखिरी बदलाव करता है. लेकिन नये सिस्टम में केवल एक ही चार्ट बनेगा – वो भी 24 घंटे पहले. साथ ही कोई भी नई बुकिंग या कैंसिलेशन रियल टाइम में अपडेट होती रहेगी.
क्या है सबसे बड़ी चुनौती?
रेलवे के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि देशभर के सारे स्टेशन, सर्वर और टिकटिंग सिस्टम एक साथ सिंक्रनाइज़ हों ताकि कहीं कोई गलती या गड़बड़ी न हो. अगर डेटा मिसमैच हुआ तो यात्रियों के टिकट चेकिंग, सीट अलॉटमेंट और बोर्डिंग में दिक्कतें आ सकती हैं.
डिजिटल इंडिया की ओर रेलवे का एक और कदम
यह बदलाव रेलवे की डिजिटल अपग्रेडेशन योजना का हिस्सा है. इससे रेलवे न केवल यात्रियों को SMS या ईमेल के ज़रिए पहले से उनकी सीट कन्फर्म होने की सूचना दे सकेगा बल्कि वेटिंग लिस्ट, सीट अलॉटमेंट और भीड़ प्रबंधन भी पहले से बेहतर हो सकेगा. अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे स्टेशन पर आखिरी वक्त की भीड़-भाड़ भी कम होगी और टिकट काउंटर व TTE स्टाफ का काम आसान हो जाएगा.
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